वर्गाकार प्लेटों वाले एक समान्तर प्लेट संधारित्र को चित्रानुसार चार परावैधुतों, जिनके परावैधुतांक $K _{1}, K _{2}, K _{3}$ तथा $K _{4}$ है, से भर दिया जाता है तो प्रभावी परावैधुतांक $K$ का मान होगा?
$K = \frac{{({K_1} + {K_3})({K_2} + {K_4})}}{{{K_1} + {K_2} + {K_3} + {K_4}}}$
$K = \frac{{({K_1} + {K_2})({K_3} + {K_4})}}{{2({K_1} + {K_2} + {K_3} + {K_4})}}$
$K = \frac{{({K_1} + {K_2})({K_3} + {K_4})}}{{{K_1} + {K_2} + {K_3} + {K_4}}}$
$K = \frac{{({K_1} + {K_4})({K_2} + {K_3})}}{{2({K_1} + {K_2} + {K_3} + {K_4})}}$
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों की बीच दूरी $0.01\, mm$ है तथा एक परावैद्युत, जिसकी परावैद्युत क्षमता $19\, KV/mm$ है, प्लेटों के बीच एक कुचालक की तरह उपयोग किया गया है तो अधिकतम विभवान्तर जो संधारित्र की प्लेटों के मध्य आरोपित किया जा सके .......$V$ होगा
संधारित्र की प्लेटों के बीच एक परावैद्युत पदार्थ रखने पर, धारिता, विभव एवं स्थितिज ऊर्जा में क्रमश: होती है
धारिता $12\, pF$ वाले एक समान्तर पट्ट संधारित्र को इसकी प्लेटों के मध्य $10\, V$ विभवान्तर उत्पन्न करने के लिए एक बैटरी द्वारा आवेशित किया जाता है। अब आवेशन बैटरी को हटा दिया जाता है तथा प्लेटों के मध्य $6.5$ परावैधुतांक वाली पोर्सिलेन पट्टिका लगाई जाती है तो पट्टिका पर संधारित्र द्वारा किया गया कार्य ......$pJ$ है।
किसी समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य वायु भरी है एवं धारिता $10\,p F$ है। प्लेटों के बीच की दूरी दुगुनी कर दी जाये एवं प्लेटों के मध्य मोम भर दी जाये तो संधारित्र की धारिता $40 \times {10^{ - 12}}$ फैरड हो जाती है। मोम का परावैद्युतांक होगा
वायु माध्यम के समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $100\, \mu F$ है तथा प्लेटों के मध्य की दूरी $d$ है। एक $t$ मोटाई की शीट $t(t \le d)$ जिसका परावैद्युतांक $5$ है, को प्लेटों के मध्य रखा जाता है, तो धारिता .......$\mu F$ हो सकती है