एक समान्तर पट्ट संधारित्र की प्लेटों का क्षेत्रफल $6 \,cm ^{2}$ तथा उनके बीच दूरी $3\, mm$ है। प्लेटों के बीच तीन उसी मोटाई तथा एकसमान क्षेत्रफल के परावैधुतों जिनके परावैधुतांक, $K _{1}=10, K _{2}=12$ तथा $K _{3}=14$ हैं, से चित्रानुसार भर दिया जाता है। इसी संधारित्र में ऐसे परावैधुत का परावैधुतांक क्या होगा जिसे डालने पर वही धारिता प्राप्त हो।
$4$
$14$
$12$
$36$
दो संधारित्रों को श्रेणी क्रम में जोड़ा गया है, जिनमें प्रत्येक की धारिता $40\,\mu F$ है। इनमें से एक संधारित्र की पट्यियों के बीच के स्थान को $K$ परावैद्युतांक वाले परावैद्युत पदार्थ से भरा जाता है कि निकाय की तुल्य धारिता $24\,\mu F$ हो जाती है। $K$ का मान होगा :
किसी पतली धातु की पत्ती से बनाये गये संधारित्र की धारिता $2\,\mu F$ है। यदि पत्ती को $0.15\,mm$ मोटाई के कागज के साथ मोड़ दिया जाये जबकि कागज का परावैद्युतांक $2.5$ एवं कागज की चौड़ाई $400\,mm$ हो तो पत्ती की लम्बाई.......$m$ होगी
एक समान्तर प्लेट वायु संधारित्र की प्लेटों के मध्य की दूरी $3\,mm$ है। अब यदि $1\,mm$ मोटी एवं परावैद्युतांक $2$ वाली एक परावैद्युत पट्टी प्लेटों के बीच रख दी जाये तो धारिता बढ़ जाती है। इसकी धारिता के मान को पूर्ववत् रखने के लिये प्लेटों के बीच की दूरी..........$mm$ करनी होगी
एक संधारित्र को परावैद्युतांकों द्वारा चित्रानुसार भरा गया है। परिणामी धारिता होगी
एक समान्तर प्लेट संधारित्र में प्रत्येक वृत्तीय प्लेट की त्रिज्या $12$ सेमी तथा उनके बीच की दूरी $5$ मिमी है। उनके बीच में $3$ मिमी मोटाई तथा $12$ सेमी त्रिज्या की कांच की प्लेट है जिसका परावैद्युतांक $6$ है, तो संधारित्र की धारिता होगी