एक समान्तर पट्ट संधारित्र की प्लेटों का क्षेत्रफल $6 \,cm ^{2}$ तथा उनके बीच दूरी $3\, mm$ है। प्लेटों के बीच तीन उसी मोटाई तथा एकसमान क्षेत्रफल के परावैधुतों जिनके परावैधुतांक, $K _{1}=10, K _{2}=12$ तथा $K _{3}=14$ हैं, से चित्रानुसार भर दिया जाता है। इसी संधारित्र में ऐसे परावैधुत का परावैधुतांक क्या होगा जिसे डालने पर वही धारिता प्राप्त हो।

820-733

  • [JEE MAIN 2019]
  • A

    $4$

  • B

    $14$

  • C

    $12$

  • D

    $36$

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दो एक समान आवेशित गोलों का समान लम्बाई की डोरियों से लटकाया गया है। डोरियाँ एक दूसरे से $37^{\circ}$ का कोण बनाती हैं। जब इन्हें $0.7$ ग्राम/सेमी. ${ }^3$, घनत्व के किसी द्रव में डुबाया जाता है, तो उनके बीच बना कोण वही रहता है। यदि गोले के पदार्थ का घनत्व $1.4$ग्राम/सेमी. ${ }^3$ हो, तो द्रव का परावैद्युतांक. . . . . . . . होगा। $\left(\tan 37^{\circ}=\frac{3}{4}\right)$.

  • [JEE MAIN 2024]

ताप के बढ़ने पर परावैद्युतांक स्थिरांक $K$ का मान

दो एकसमान समान्तर-पट्ट संधारित्रों को श्रेणीक्रम में जोड़कर एक $100\,V$ बैटरी से जोड़ा जाता है। एक $4.0$ परावैद्युतांक की परावैद्युत पट्ट दूसरे संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच प्रवेश करा दी जाती है। संधारित्रों पर विभवान्तर क्रमश: होगा

एक समान्तर पट्ट संधारित्र की पट्टिकाओं का क्षेत्रफल $A$ है और पट्टिकाओं के बीच की दूरी $10$ मिमी है। इसमें दो परावैद्युत चादरें हैं, एक का परावैद्युतांक $10$  और मोटाई $6$ मिमी है तथा दूसरी का परावैद्युतांक $5$ तथा मोटाई $4$ मिमी है। इस संधारित्र की धारिता है

$q$ आवेश से आवेशित $r$ अर्द्धव्यास वाली आठ बूँदों को मिलाकर एक बड़ी बूँद बनाई गई है। बड़ी बूँद के विभव तथा छोटी बूँद के विभव में अनुपात है