एक कण $P, a$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर एक समान चाल $v$ से गति करता है। $C$ वृत्त का केन्द्र है तथा $AB$ इसका व्यास है। $B$ बिन्दु से जाते समय $P $ का $A$ तथा $C$ बिन्दु के परित: कोणीय वेग का अनुपात होगा
$1:1$
$1:2$
$2:1$
$4:1$
एक वृत्ताकार पथ पर एकसमान चाल से गतिमान एक कण जारी रखता है :
एक मोटर-साइकिल चालक वृत्तीय पथ पर अचर चाल से गति कर रहा है, तब इसका
एक $L$ लम्बाई की नलिका में $M$ द्रव्यमान का असम्पीड्य द्रव भरा है तथा नली दोनों सिरों पर बन्द है। अब नली को इसके एक सिरे के सापेक्ष क्षैतिज तल में एकसमान कोणीय वेग $\omega $ से घुमाया जाता र्है, तो द्रव द्वारा दूसरे सिरे पर आरोपित बल होगा
वृत्तीय पथ पर गतिशील वस्तु की बिना फिसले गति करने की आवश्यक शर्त क्या है, (यदि घर्षण गुणांक $\mu $ है)
एक लड़का द्रव्यमान $100\,g$ के पत्थर को $2\,m$ लम्बी रस्सी से बाँधकर क्षैतिज तल में चारों ओर घुमाता है। यदि रस्सी अधिकतम तनाव $80\,N$ सहन कर सकती है तो अधिकतम चाल जिससे पत्थर घूम सकता है, $\frac{ K }{\pi}$ घूर्णन/ $/ min$ है। $K$ का मान है - (रस्सी द्रव्यमानहीन व अवितान्य है)