$10.0\,\mu C$ आवेश तथा $1\,\mu g$ द्रव्यमान का एक कण $0.1$ टेसला के चुम्बकीय क्षेत्र के प्रभाव में $10$ $cm$ त्रिज्या के वृत्त में गति करता है। जब कण बिन्दु $P$ पर है तब एकसमान विद्युत क्षेत्र आरोपित किया जाता है, जिससे कण स्पर्श रेखा के अनुदिश एक नियत चाल से गति करना प्रारम्भ करता है। विद्युत क्षेत्र का मान.......$V/m$ है
$0.1$
$1$
$10$
$100$
समरुपी चुम्बकीय क्षेत्र $B$ दक्षिण से उत्तर की ओर कार्य कर रहा है तथा इसका परिमाण $1.5$ $Wb/{m^2}$ है। यदि एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $ = 1.7 \times {10^{ - 27}}\,kg$ तथा आवेश $ = 1.6 \times {10^{ - 19}}\,C$) $5\,MeV$ ऊर्जा से ऊध्र्वाधर नीचे की ओर इस क्षेत्र में गति करे तो उस पर बल कार्य करेगा
एक आयनित गैस में धनायन व ऋणायन दोनों उपस्थित हैं। यदि इस पर एकसाथ विद्युत क्षेत्र $+ x$ दिशा में व चुम्बकीय क्षेत्र $+ z$ दिशा में आरोपित किये जाये तब
इलेक्ट्रॉनों का एक किरण समूह परस्पर लम्बवत विद्युत ओर चुम्बकीय क्षेत्रों में से अविक्षिप्त चला जाता है। यदि विद्युत क्षेत्र को बन्द कर दिया जाये ओर चुम्बकीय क्षेत्र को अपरिवर्तित रखा जाये तो इलेक्ट्रॉनों का चलन होगा
If $\frac{x_0}{x_1}=3$, the value of $\frac{R_1}{R_2}$ is.
दो समान्तर तार कागज के तल के तल में एक दूसरे से $X_0$ दूरी पर है। दोनों तारों के बीच एक बिन्दु आवेश, जो उसी तल में है तथा एक तार से $X _1$ दूरी पर है चाल $u$ से गतिमान है। जब तारों में परिणाम $I$ की विधुत धारा एक दिशा में प्रवाहित की जाती है, बिन्दु आवेश के पथ की वक्रता त्रिज्या $R_1$ हैं। इसके विपरित यदि दोनों तारों में धारा $I$ की दिशा एक दूसरे के विपरीत हो, तब पथ की त्रिज्या $R_2$ है। यदि $\frac{x_0}{x_1}=3$, तब $\frac{R_1}{R_2}$ का मान है।
एक नियत अंतराल $d$ पर स्थित प्रोटॉन एवं इलेक्ट्रॉनों के दो पुंजों की संगत धारा समान है। इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन परस्पर विपरीत दिशा में गतिमान हैं। दोनों पुंजों को मिलाने वाली रेखा पर एक बिन्दु $P$ किसी भी पुंज से $x$ दूरी पर है। बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र $B$ है। $B$ एवं $x$ के बीच ग्राफ है
प्रोटॉन पुंज के समीपस्थ बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा कागज तल के लम्बवत् अन्दर $Ä$ की ओर है एवं इलेक्ट्रॉन पुंज के समीपस्थ बिन्दुओं पर यह बाहर ʘ की ओर है। दिये गये विकल्पों में ग्राफ $(c)$ सभी शर्तों को पूरा करता हैं।