एक कण को $v$ वेग से इस प्रकार प्रक्षेपित किया जाता है कि क्षैतिज तल पर उसकी परास, उसके द्वारा प्राप्त अधिकतम ऊँचाई की दोगुनी है, कण की परास है (जबकि $g$ गुरुत्वीय त्वरण है)
$\frac{{4{v^2}}}{{5g}}$
$\frac{{4g}}{{5{v^2}}}$
$\frac{{{v^2}}}{g}$
$\frac{{4{v^2}}}{{\sqrt 5 g}}$
$m$ द्रव्यमान का एक पिण्ड $l$ लम्बाई की एक डोरी से बाँधकर ऊध्र्वाधर तल में घुमाया जाता है। इसे निम्नतम बिन्दु पर कितना न्यूनतम क्षैतिज वेग दिया जाये कि यह एक चक्कर पूर्ण कर ले जबकि निलंबन बिन्दु ऊध्र्वाधर वृत्त का केन्द्र है
एक कण $5 \,m/s$ के वेग से पूर्व की ओर गतिशील है। $10\, sec$ पश्चात् वेग में परिवर्तन $5 \,m/s $ उत्तर की ओर हो जाता है। इस समय में औसत त्वरण होगा
एक पिण्ड घर्षण रहित मार्ग पर फिसलता है जो व्यास $D$ के वृत्तीय लूप पर समाप्त होता है, तो $D$ के पदों में पिण्ड की न्यूनतम ऊँचाई क्या होगी जिससे कि पिण्ड इस लूप को ठीक पूर्ण करता है।
एक कण क्षैतिज तल में एकसमान वृत्तीय गति करता है। वृत्त की त्रिज्या $20$ सेमी है। यदि कण पर लगने वाला अभिकेन्द्रीय बल $10$ न्यूटन हो, तो उसकी गतिज ऊर्जा ........ $J$ है
एक कण $r$ त्रिज्या के वृत्ताकार मार्ग पर एकसमान वेग $v$ से गतिमान है। $P$ से $Q$ तक जाने में वेग में कण का परिवर्तन होगा। $(\angle POQ = 40^\circ )$