एक कण किसी दी गई त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर नियत कोणीय वेग से गति करता है तथा इस पर अभिकेन्द्रीय बल $F$ क्रियाशील रहता है। यदि कोणीय वेग को दोगुना कर दिया जाये और त्रिज्या वही रहे, तो नया बल होगा

  • A

    $2F$

  • B

    ${F^2}$

  • C

    $4F$

  • D

    $F/2$

Similar Questions

यदि $4$ मीटर त्रिज्या का एक साइकिल-पहिया एक चक्कर $2$ सैकण्ड में पूरा करता हो तो साइकिल के पहिये पर स्थित किसी बिन्दु का त्वरण होगा

एक $L$ लम्बाई की नलिका में $M$ द्रव्यमान का असम्पीड्य द्रव भरा है तथा नली दोनों सिरों पर बन्द है। अब नली को इसके एक सिरे के सापेक्ष क्षैतिज तल में एकसमान कोणीय वेग $\omega $ से घुमाया जाता र्है, तो द्रव द्वारा दूसरे सिरे पर आरोपित बल होगा

  • [IIT 1992]

एक कण $0.5\, m/s$​ के चाल से शंक्वाकार फनेल में, जिसकी आन्तरिक सतह घर्षण रहित है, क्षैतिज वृत्त में गति करता है। फनेल के शीर्ष से वृृत्त के तल की ऊँचाई ........ $cm$ होगी

वृत्ताकार मार्ग पर प्रति मिनट $100$ बार घूमने वाले कण का कोणीय वेग है

$0.5$ किग्रा द्रव्यमान की एक गेंद $50 \mathrm{~cm}$ लम्बी एक डोरी से बाँधी गई है। गेंद को इसकी ऊर्ध्वाधर अक्ष के परितः एक क्षैतिज वृत्ताकार पथ पर घुमाया जाता है। डोरी द्वारा सहन करने वाला अधिकतम तनाव $400 \mathrm{~N}$ है। गेंद के कोणीय वेग का अधिकतम संभव मान (रेडियन/से. में) है :

  • [JEE MAIN 2024]