एक काँच के टुकड़े को उच्च ताप तक गर्म करके ठण्डा होने के लिये रखा गया है, यदि वह चटक जाता है, तो इसका मुख्यत: सम्भव कारण होगा
ऊष्मा चालकता कम होना
ऊष्मा चालकता अधिक होना
काँच की विशिष्ट ऊष्मा अधिक है
काँच का गलनांक अधिक है
दो भिन्न पदार्थों का ऊष्मा चालकता गुणांकों का अनुपात $5 : 4$ है। यदि इन पदार्थों की दो छडे़ं जिनका अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल बराबर है और इनका ऊष्मीय प्रतिरोध बराबर हैं, तो उनकी लम्बाइयों का अनुपात होगा
एक दीवार दो परतों $A$ और $B$ की बनी है। इन परतों की मोटाई समान है परन्तु पदार्थ अलग-अलग हैं। $A$ के पदार्थ की ऊष्मा चालकता $B$ से दुगनी है। तापीय साम्य अवस्था में दीवार के सिरों का तापान्तर $36°C$ है, परत $A$ के सिरों पर तापान्तर......... $^oC$ होगा
जाड़े के दिनों में हम धूप में बैठना पसन्द करते हैं क्योंकि
किसी धातु का ऊष्मा चालकता गुणांक निर्भर होता है
एक समान अनुप्रस्थकाट एवं $3.1$ मीटर लम्बी एक ताम्र छड़ का एक सिरा बर्फ के सम्पर्क में है, एवं दूसरा सिरा $100°C$ वाले जल में रखा है। इसकी लम्बाई के अनुदिश किस बिन्दु पर $200°C$ ताप बनाये रखा जाये, ताकि स्थायी अवस्था में जितनी मात्रा बर्फ की पिघलती है, उतनी ही मात्रा समान समयान्तराल में बनी भाप की हो। यह मानते हुए कि सम्पूर्ण निकाय एवं परिवेश के बीच ऊष्मा का कोई स्थानान्तरण नहीं होता है। बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा एवं जल के वाष्पन की गुप्त ऊष्मा क्रमश: $80cal/gm$ एवं $540 cal/gm$ है