एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $+e$) एवं एक $\alpha  - $कण (द्रव्यमान $4m$ तथा आवेश $+2e$) समान ऊर्जायुक्त हैं। इन्हें एकसार चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र की दिशा के लम्बवत प्रवेश कराया जाता है, तो निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है

  • A

    $\alpha  - $ कण, प्रोटॉन की तुलना में छोटी त्रिज्या के वृत्तीय मार्ग में मुड़ जायेगा

  • B

    $\alpha  - $ कण के वृत्तीय पथ की त्रिज्या प्रोटॉन की अपेक्षा बड़ी है

  • C

    $\alpha  - $ कण एवं प्रटॉन दोनों ही समान त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर गति करेंगे

  • D

    $\alpha  - $ कण एवं प्रोटॉन दोनों सरल रेखा में गति करेंगे

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दो कथन निम्नलिखित है : एक कथन $(A)$ तथा दूसरा कारण $(R)$ है।

कथन $(A)$: एक गतिशील आवेश कण की चाल तथा ऊर्जा एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में नियत बनी रहती है।

कारण $(R)$ : एक गतिशील आवेश कण गति की दिशा के लम्बवत चुम्बकीय बल अनुभव करता है।

  • [JEE MAIN 2022]

लॉरेन्ज बल का परिकलन करने के लिये सूत्र है

  • [AIPMT 2002]

चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता $B$ की विमा है

निम्न में से किस कण की आवृत्ति न्यूनतम होगी जब इन्हें एकसमान वेग से चुम्बकीय क्षेत्र में लम्बवत् प्रक्षेपित किया जाता है

एक स्थान में एकसमान विधुत-क्षेत्र $\vec{E}=E_0 \hat{j}$ और एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $\vec{B}=B_0 \hat{j}$ एक साथ स्थित है। इस स्थान में एक $\varepsilon$ नात्मक बिंदु आवेश की गति पर विचार करें। समय $t=0$ पर इस आवेश का वेग $x-y$ तल में $\vec{v}$ है, जो $X$-अक्ष से $\theta$ कोण बनाता है तब $t > 0$ के लिये कौनसा विकल्प सही है।/है ?

$(A)$ यदि $\theta=0^{\circ}$, तब आवेश $x-z$ तल में वत्तीय-पथ पर घूमता है।

$(B)$ यदि $\theta=0^{\circ}$, तब आवेश $y$-अक्ष की दिशा में कुंडलिनी-पथ पर चलता है व कुंडलिनी का पिच अपरिवर्तित रहता है।

$(C)$ यदि $\theta=10^{\circ}$, तब आवेश $y$-अक्ष की दिशा में कुंडलिनी-पथ पर चलता है व कुंडलिनी का पिच समय के साथ बढ़ता रहता है।

$(D)$ यदि $\theta=90^{\circ}$, तब आवेश $y$-अक्ष की दिशा में रेखीय परंतु त्वरण के साथ गति करता है।

  • [IIT 2012]