दो कथन निम्नलिखित है : एक कथन $(A)$ तथा दूसरा कारण $(R)$ है।

कथन $(A)$: एक गतिशील आवेश कण की चाल तथा ऊर्जा एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में नियत बनी रहती है।

कारण $(R)$ : एक गतिशील आवेश कण गति की दिशा के लम्बवत चुम्बकीय बल अनुभव करता है।

  • [JEE MAIN 2022]
  • A

    $(A)$ तथा $(R)$ दोनों सही है और $(R)$,$(A)$ की सही व्याख्या करता है।

  • B

    $(A)$ तथा $(R)$ दोनों सही है परन्तु $(R)$,$(A)$ की सही व्याख्या नहीं करता है।

  • C

    $(A)$ सही है, $( R )$ गलत है

  • D

    $(A)$ गलत है, $(R)$ सही है।

Similar Questions

एक प्रोटॉन जिसकी ऊर्जा $200\, MeV$ है। $5 \,T$ के चुम्बकीय क्षेत्र मे प्रवेश करता है। यदि क्षेत्र की दिशा दक्षिण से उत्तर की ओर है एवं आवेश के गति की दिशा ऊपर की ओर हो तो इस पर कार्यरत बल होगा

पूर्व की ओर गति करता हुआ एक आवेशित कण ऊध्र्वाधर ऊपर की ओर कार्यरत किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है तो

  • [AIPMT 1997]

एक कैथोड किरणों के पुंज का वेग $5 \times {10^6}\,m{s^{ - 1}}$ है, यह एक स्थान जिसमें विद्युत व चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत् हैं, प्रवेश करता है तथा अविक्षेपित निकलता है। यदि $| B |=0.02\; T$, हो तब विद्युत क्षेत्र का परिमाण है

चुम्बकीय क्षेत्र

एक इलेक्ट्रॉन ($q = 1.6 \times 10^{-19}\, C$) $3.534 \times 10^{-5}\, T$ के एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् गति कर रहा है। इलेक्ट्रॉन को एक वृत्तीय कक्षा पूर्ण करने में लगा समय......$µs$ है