$2.5 \times {10^7}m/s$ के वेग से गतिमान एक प्रोटॉन $2.5\, T$ के चुम्बकीय क्षेत्र में, चुम्बकीय क्षेत्र से ${30^o}$ का कोण बनाते हुए प्रवेश करता है। प्रोटॉन पर बल है
$3 \times {10^{ - 12}}\,N$
$5 \times {10^{ - 12}}\,N$
$6 \times {10^{ - 12}}\,N$
$9 \times {10^{ - 12}}\,N$
$ - 16 \times {10^{ - 18}}$ कूलॉम का एक आवेशित कण $x$-अक्ष के अनुदिश $0.75\,A$ वेग से ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करता है जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र $B,\,y$ दिशा के अनुदिश तथा विद्युत क्षेत्र जिसका परिमाण ${10^4}\,V/m$ ऋणात्मक $z$-अक्ष के अनुदिश है। यदि आवेशित कण $x$-अक्ष की दिशा में ही गति करता रहता है, तो ‘$B$’ का परिमाण होगा
विभवान्तर से त्वरित प्रोटॉन को चित्रानुसार एक अभिलम्बवत् $0.51\;T$ के चुम्बकीय क्षेत्र से गुजारा जाता है। प्रोटॉन अपनी प्रारम्भिक दिशा से ......$^o$ कोण $\theta $ से विचलित होगा
${m_A}$ व ${m_B}$ द्रव्यमान के दो कण $A$ व $B$, जिन पर समान आवेश हैं, एक समतल में गतिमान हैं। इस समतल के लम्बवत् एक, समरूप चुम्बकीय क्षेत्र कार्यरत है। कणों के वेग क्रमश: ${v_A}$ एवं ${v_B}$ है एवं पथों को चित्र में दिखाया गया है। तब
चुम्बकीय क्षेत्र की फ्लक्स घनत्व $1.5\,weber/{m^2}$ है, इसमें एक प्रोटॉन $2 \times {10^7}\,m/\sec $ के वेग से, क्षेत्र के साथ $30^\circ $ का कोण बनाता हुआ प्रवेश करता है, तो प्रोटॉन पर लगा हुआ बल होगा
एक इलेक्ट्रॉन को एक धारावाही वृत्तीय चालक के अक्ष के अनुदिश प्रक्षेपित किया जाता है। इलेक्ट्रॉन पर कार्यरत बल