एक छोटी वस्तु, जो प्रारम्भ में विराम अवस्था में है, प्रकाश की $100 \ ns$ की एक स्पन्द को पूर्णतया अवशोषित करती है। स्पन्द की शक्ति $30 \ mW$ है व प्रकाश की गति $3 \times 10^8 \ ms ^{-1}$ है। वस्तु का अन्तिम संवेग है :
$0.3 \times 10^{-17} \ kg ms ^{-1}$
$1.0 \times 10^{-17} \ kg ms ^{-1}$
$3.0 \times 10^{-17} \ kg ms ^{-1}$
$9.0 \times 10^{-17} \ kg ms ^{-1}$
सीजियम $(Cs)$,पोटैशियम $(K)$ तथा सोडियम $(Na)$का कार्यफलन क्रमशः $2.14\,eV,2.30\,eV$ तथा $2.75\,eV$ है। यदि आपतित वैद्युतचुंबकीय विकिरण की ऊर्जा $2.20\,eV$ है, इनमें से कौन सी प्रकाशसुग्राही सतह, प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित कर सकता है :
किसी प्रकाश विद्युत सेल में ऊर्जा का रूपातंरण होता है
प्रकाश विद्युत सेल में फोटो इलेक्ट्रॉन का उत्सर्जन होता है
प्रकाश विद्युत प्रभाव में, यदि प्रकाश की तीव्रता दुगनी कर दी जाये तो फोटो इलेक्ट्रॉन की अधिकतम गतिज ऊर्जा हो जायेगी
फोटोग्राफी के डार्क रूम में प्राय: लाल रंग का प्रकाश रखा जाता है, इसका कारण है