फोटॉन के लिए निम्न में से क्या सत्य है
$E = \frac{{hc}}{\lambda }$
$E = \frac{1}{2}m{u^2}$
$p = \frac{E}{{2v}}$
$E = \frac{1}{2}m{c^2}$
For photon,
$E =\frac{ hc }{\lambda} \text {. }$
मानव नेत्र के द्वारा संसूचित $(detect)$ की जा सकने वाली प्रकाश की न्यूनतम तीव्रता ${10^{ – 10}}W/{m^2}$ है। दिखायी देने के लिये ${10^{ – 6}}{m^2}$ क्षेत्रफल वाली आंख की पुतली में प्रति सैकण्ड प्रवेश करने वाले फोटॉनों की संख्या लगभग होगी (जबकि फोटॉन की तरंगदैध्र्य$\lambda =5.6 \times {10^{ – 7}}m$ है)
$10^{-5} \,Wm ^{-2}$ तीव्रता का प्रकाश एक सोडियम प्रकाश सेल के $2 \,cm ^{2}$ क्षेत्रफल के पृष्ठ पर पड़ता है। यह मान लें कि ऊपर की सोडियम की पाँच परतें आपतित ऊर्जा को अवशोषित करती हैं, तो विकिरण के तरंग-चित्रण में प्रकाश-विध्यूत उत्सर्जन के लिए आवश्यक समय का आकलन कीजिए। धातु के लिए कार्य-फलन लगभग $2 \,eV$ दिया गया है। आपके उत्तर का क्या निहितार्थ है
$100eV$ ऊर्जा के फोटॉन की आवृत्ति होगी $(h = 6.6 \times {10^{ – 34}}\,J{\rm{ – }}sec)$
जब प्रकाश दिये गये तरंगदैर्ध्य (wavelength) से एक धात्वीय पृष्ठ (metallic surface) पर पड़ता है तो उत्सर्जित (emitted) फोटोइलेक्ट्रॉन्स को रोकने के लिए $6.0 V$ के निम्नतम विभव की आवश्यकता होती है। यदि एक दूसरे स्त्रोत जिसका तरंगदैर्ध्य पहले वाले से चार गुना और तीव्रता (intensity) पहले वाले से आधी है को प्रयोग में लाया जाये तो विभव घट कर $0.6 V$ रह जाता है। पहले स्त्रोत की तरंगदैर्ध्य और धातु का कार्य फलन क्रमशः क्या होगा ?
$[\frac{h c}{e}=1.24 \times 10^{-6} Jm C ^{-1}$ लें ]
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