सरल लोलक जिसकी लम्बाई $L$ तथा गोलक का द्रव्यमान $M $ है, एक तल में ऊध्र्वाधर रेखा के परित: $ - \,\phi $ तथा $\phi $ सीमाओं के बीच दोलन कर रहा है। कोणीय विस्थापन $\theta (|\theta |\, < \phi )$, डोरी में तनाव तथा गोलक का वेग क्रमश: $T$ तथा $v$ है। उपरोक्त दशाओं में निम्नलिखित में से कौन-सा सम्बन्ध सही है
$T\cos \theta = Mg$
$T - Mg\cos \theta = \frac{{M{v^2}}}{L}$
गोलक के स्पर्श रेखीय त्वरण का परिमाण $|{a_T}|\, = g\sin \theta $
दोनों (b) और (c)
एक सरल लोलक की लम्बाई है और इसका अधिकतम कोणीय विस्थापन $\theta$ है इसकी अधिकतम गतिज ऊर्जा होगी
एक सरल लोलक को लिफ्ट की छत से लटकाया गया है। जब लिफ्ट स्थिर है, तब लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि परिणामी त्वरण $g/4,$ हो जाए, तब लोलक का नया आवर्तकाल होगा
यदि एक सरल लोलक को पृथ्वी की सतह से किसी गहरी खदान में ले जाये तो इसका दोलनकाल
एक सरल लोलक को यदि पृथ्वी से चन्द्रमा की सतह पर ले जाकर दोलन कराया जाये तो इसका दोलन काल
यदि एक सरल लोलक दोलन करते हुये $10\,cm$ की ऊध्र्वाधर ऊँचाई प्राप्त करता है। तो माध्य स्थिति पर इसका वेग होगा ($g = 9.8\, m/s^{2}$) .... $m/s$