एक साबुन के बुलबुले को ऋण आवेश दिया गया है, तो उसकी त्रिज्या
कम हो जाती है
बढ़ जाती है
अपरिवर्तित रहती है
जानकारी अपूर्ण होने से कुछ भी नहीं कह सकते
$1.6\,C$ आवेश में इलेक्ट्रॉनों की संख्या होगी
एक काँच की छड़ सिल्क से रगड़कर गोल्ड लीफ इलेक्ट्रॉस्कोप को आवेशित करने के काम आती है। तथा गोल्ड लीफ इलेक्ट्रोस्कोप की पत्तियाँ फैल जाती हैं। इस आवेशित इलेक्ट्रोस्कोप पर $X$-किरणें थोड़े समय के लिये आपतित की जाये तो
$\alpha $ - कण पर आवेश है
जब काँच की छड़ को रेशम के टुकड़े से रगड़ते हैं तो दोनों पर आवेश आ जाता है। इसी प्रकार की परिघटना का वस्तुओं के अन्य युग्मों में भी प्रेक्षण किया जाता है। स्पष्ट कीजिए कि यह प्रेक्षण आवेश संरक्षण नियम से किस प्रकार सामंजस्य रखता है।
धातु का आवेशित गोला $A$ नाइलॉन के धागे से निलंबित है। विध्युतरोधी हत्थी द्वारा किसी अन्य धातु के आवेशित गोले $B$ को $A$ के इतने निकट लाया जाता है कि चित्र $( a )$ में दर्शाए अनुसार इनके केंद्रों के बीच की दूरी $10\, cm$ है। गोले $A$ के परिणामी प्रतिकर्षण को नोट किया जाता है ( उदाहरणार्थं- गोले पर चमकीला प्रकाश पुंज डालकर तथा अंशांकित पर्दे पर बनी इसकी छाया का विक्षेपण मापकर )। $A$ तथा $B$ गोलों को चित्र $(b)$ में दर्शाए अनुसार, क्रमशः अनावेशित गोलों $C$ तथा $D$ से स्पर्श कराया जाता है। तत्पश्चात चित्र $(c)$ में दर्शाए अनुसार $C$ तथा $D$ को हटाकर $B$ को $A$ के इतना निकट लाया जाता है कि इनके केंद्रों के बीच की दूरी $5.0\, cm$ हो जाती है। कूलॉम नियम के अनुसार $A$ का कितना अपेक्षित प्रतिकर्षण है? गोले $A$ तथा $C$ एवं गोले $B$ तथा $D$ के साइज् सर्वसम हैं। $A$ तथा $B$ के केंद्रों के पृथकन की तुलना में इनके साइजो की उपेक्षा कीजिए।