एक $r$ त्रिज्या का गोला, $R$ वक्रता त्रिज्या के अवतल दर्पण पर रखा है। इस व्यवस्था को क्षैतिज टेबिल पर रख दिया जाता है। यदि गोले को मध्यमान स्थिति से थोड़ा विस्थापित कर छोड दिया जाये तो वह सरल आवर्त गति करने लगता है। इसके दोलन का आवर्तकाल होगा (अवतल दर्पण का पृष्ठ घर्षण रहित एवं फिसलने वाला है न कि लुढ़कने वाला)

  • A

    $2\pi \sqrt {\left( {\frac{{\left( {R - r} \right)1.4}}{g}} \right)} $

  • B

    $2\pi \sqrt {\left( {\frac{{R - r}}{g}} \right)} $

  • C

    $2\pi \sqrt {\left( {\frac{{rR}}{a}} \right)} $

  • D

    $2\pi \sqrt {\left( {\frac{R}{{gr}}} \right)} $

Similar Questions

एक सरल लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि लोलक की लम्बाई $21\% $ बढ़ा दी जाये तो इसका आवर्तकाल कितने ....  $\%$ प्रतिशत बढ़ जायेगा

  • [AIEEE 2003]

किसी ग्रह पर एक पिण्ड को $8 \,m$ ऊँचाई से स्वतंत्रतापूर्वक गिराया जाता है तो यह $2\, sec$ में ग्रह तल पर आ जाता है। इस ग्रह पर,$1\,m $ लम्बाई वाले सरल लोलक का आवर्तकाल .... $\sec$ होगा

एक सरल लोलक को एक ऐसे स्थान पर रखा गया है कि इसकी पृथ्वी तल से दूरी पृथ्वी की त्रिज्या के समान है। यदि डोरी की लम्बाई $4$ मी. हो, तो सूक्ष्म दोलन का आवर्त काल से होगा। [दिया है, $\mathrm{g}=\pi^2 \mathrm{~ms}^{-2}$ ]

  • [JEE MAIN 2024]

एक सैकण्डी लोलक को कृत्रिम उपग्रह की प्रयोगशाला में लटकाया गया है। यह उपग्रह पृथ्वी तल से $3R$ की ऊँचाई पर उड़ रहा है। यहाँ पर $R$ पृथ्वी की त्रिज्या है। इस लोलक का आवर्तकाल होगा

दोलन करता हुआ एक सरल लोलक आधार सहित मुक्त रुप से नीचे गिर रहा है, तो