एक स्थिर लिफ्ट में सरल लोलक का आवर्तकाल $T$ है। यदि लिफ्ट $5g$ त्वरण से ऊपर की ओर गति करने लगे तो इसका आवर्तकाल
वही रहेगा
$\frac{3}{5}$ गुना बढ़ जायेगा
$\frac{2}{3}$ गुना कम हो जायेगा
उपरोक्त में से कोई नहीं
एक सरल लोलक को किसी कार की छत से लटकाया गया है यदि कार एकसमान दर से त्वरित हो रही हो तो सरल लोलक की आवृत्ति
एक सरल लोलक ऐसे गोलक का बना है जो पारे से भरा हुआ एक खोखला गोला है और तार से लटकाया गया है। यदि थोड़ा-सा पारा गोले के बाहर निकाल दिया जाये, तो लोलक का आवर्तकाल
किसी सरल लोलक का गोलक पानी में आवर्तकाल $t$ के साथ सरल आवर्त गति करता है, जबकि इस गोलक के दोलन का वायु में आवर्तकाल ${t_0}$ है। पानी का घर्षण बल नगण्य मानते हुए, यदि गोलक का घनत्व $(4/3) ×1000 \,kg/m^3$ दिया गया है, तब निम्नलिखित में कौन सा संबंध सही है
जब एक सरल लोलक को चित्र में दिखाये अनुसार $P$ से छोड़ा जाता है। तो $Q$ तक पहुँचने पर यह वायु घर्षण के कारण कुल ऊर्जा का $10\%$ भाग खो देता है। $Q$ पर इसका वेग ..... $m/sec$ होगा
एक सरल लोलक में लम्बाई $l $ की डोरी से द्रव्यमान $m$ का पिण्ड लटका कर एक ऊध्र्वाधर चाप में दोलन कराया जाता है। चाप का कोणीय विस्थापन $\theta $ है। दोलन चाप के एक सिरे पर $m$ द्रव्यमान की ही एक गेंद विरामावस्था में है। इससे टकराने पर लोलक के पिण्ड द्वारा गेंद को स्थान्तरित संवेग है