दो सरल लोलकों, को जिनकी लम्बाईयाँ $100\, cm$ तथा $121\, cm$ है अलग-अलग लटकाया जाता है। इसके बाद उनके गोलकों को खींचकर छोड़ दिया जाता है। लम्बे लोलक के कितने न्यूनतम दोलनों के पश्चात् दोनों लोलक पुन: समान कला में होंगे

  • A

    $11$

  • B

    $10$

  • C

    $21$

  • D

    $20$

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यदि एक सरल लोलक में गोलक का द्रव्यमान इसके मूल द्रव्यमान के तीन गुने तक बढ़ा दिया ज़ाता है तथा इसकी प्रारम्भिक लंबाई आधी कर दी जाये, तो दोलेन का नया आवर्तकाल प्रारम्भिक आवर्तकाल का $\frac{x}{2}$ गुना हो जाता है। तब $x$ का मान है:

  • [NEET 2024]

लकड़ी के किसी बेलनाकार गुटके (ब्लॉक) की लम्बाई $54 \; cm$, तथा घनत्व $650 \; kg m ^{-3}$ है। इसके आधार का क्षेत्रफल $30 \; cm ^{2}$ है, और यह $900 \; kg m$ घनत्व वाले द्रव में तैर रहा है (प्लवमान है)। इस ब्लॉक को थोड़ा सा नीचे की ओर दबाकर छोड़ दिया जाता है। परिणाम स्वरूप उत्पत्र इसके दोलनों का आवर्तकाल, किस लम्बाई (लगभग) के सरल लोलक के आवर्तकाल के बराबर होगा ?

  • [JEE MAIN 2015]

एक $r$ त्रिज्या का गोला, $R$ वक्रता त्रिज्या के अवतल दर्पण पर रखा है। इस व्यवस्था को क्षैतिज टेबिल पर रख दिया जाता है। यदि गोले को मध्यमान स्थिति से थोड़ा विस्थापित कर छोड दिया जाये तो वह सरल आवर्त गति करने लगता है। इसके दोलन का आवर्तकाल होगा (अवतल दर्पण का पृष्ठ घर्षण रहित एवं फिसलने वाला है न कि लुढ़कने वाला)

$L$ लम्बाई के सरल लोलक का $\frac{g}{3}$ त्वरण से नीचे जाती हुयी लिफ्ट में दोलन काल होगा

एक सैकण्ड लोलक रॉकेट में रखा हुआ है। इसके दोलनों का आवर्तकाल घटता जायेगा यदि रॉकेट

  • [AIPMT 1994]