जमीन से एक पत्थर को $25$ मी/सै के वेग से प्रक्षेपित किया जाता है। दो सैकण्ड पश्चात् यह पत्थर $5$ मीटर ऊँची दीवार को ठीक पार कर जाता है। पत्थर का प्रक्षेपण कोण ...... $^o$ होगा $(g = 10$ मी/सै$^2)$
${30}$
${45}$
${50.2}$
${60}$
एक क्रिकेट खिलाड़ी क्षैतिज से $60^o$ के कोण पर एक गेंद को $25$ मी/सै के वेग से मारता है खिलाड़ी से $50$ मी दूर खड़े दूसरे खिलाड़ी तक पहुँचने में गेंद जमीन से ........ $m$ ऊँची उठी होगी (यह माना गया है कि गेंद को जमीन के काफी निकट से मारा जाता है)
दो प्रक्षेण्य $A$ तथा $B$ को $400$ मी. ऊँचाई टॉवर के शिखर से ऊर्ध्वाधर दिशा से क्रमशः $45^{\circ}$ तथा $60^{\circ}$ कोण पर प्रक्षेपित किये गये है। यदि उनके परास तथा उड्डयन काल समान हों तब उनकी प्रक्षेपण चालों का अनुपात $\mathrm{v}_{\mathrm{A}}: \mathrm{v}_{\mathrm{B}}$ है :
[दिया है, $g=10$ भी. / से. $^2]$
नीचे दो कथन दिए गए है। एक को अभिकथन-A तथा दूसरे को कारण $R$ के रूप में अंकित किया गया है।
अभिकथन $A$ : दो एक जैसी गेंदे $A$ व $B$ समान वेग ' $u$ ' से क्षैतिज के साथ अलग अलग कोण पर फैंकी जाती है तो समान परास $R$ प्राप्त होती है। यदि $A , B$ अधिकतम ऊँचाई क्रमश: $h _1$ और $h _2$ तक पहुंच जाती है, तो $R =4 \sqrt{ h _1 h _2}$ होगा।
कारण $R:$ ऊँचाईयों का गुणनफल $h _1 h _2=\left(\frac{ u ^2 \sin ^2 \theta}{2 g }\right) \cdot\left(\frac{ u ^2 \cos ^2 \theta}{2 g }\right)$
सही उत्तर चुनें-
एक प्रक्षेप्य $u$ वेग से, क्षैतिज के साथ $\theta $ कोण बनाते हुये प्रक्षेपित किया जाता है तथा इसकी परास $R$ है। यदि प्रारम्भिक वेग को दोगुना कर दिया जावे तथा प्रक्षेपण कोण $\theta $ ही रहे, तो अब परास होगी
किसी प्रक्षेप्य के परवलयाकार पथ के उच्चतम बिन्दु पर इसके वेग एवं त्वरण की दिशायें होंगी