किसी पात्र में पारे (घनत्व $ = 13.6 gm/cm^3$) के ऊपर तेल (घनत्व $= 0.8 gm/cm^3$) भरा है। एक समांगी गोला इसमें इस प्रकार तैर रहा है कि उसका आधा आयतन पारे व आधा तेल में डूबा है। गोले के पदार्थ का घनत्व $gm/cm^3$ में होगा
$3.3$
$ 6.4$
$ 7.2$
$12.8$
मुंवई को प्रतिवर्ष $1.4 \times 10^{12}$ लीटर जल की आवश्यकता है। मुंवई की प्रभावी पृष्ठ क्षेत्रफल $600$ वर्ग $km$ है तथा यहाँ औसत वार्षिक वर्षा $2.4 \,m$ है। यदि $10 \%$ वर्षा के जल को संरक्षित किया जाए तो, मुंवई में निम्न के वरावर जल की आवश्यकता पूर्ण हो जाएगी :
एक आयताकार पिण्ड का आकार $5 cm × 5 cm × 10cm $ है। पिण्ड जल में इस प्रकार तैर रहा है कि $5 cm$ भुजा ऊध्र्वाधर है। यदि इसे जल में इस प्रकार रखें कि $10 cm$ भुजा ऊध्र्वाधर रहे, तो जल स्तर पर क्या प्रभाव पड़ेगा
लकड़ी का एक गुटका पानी में चित्रानुसार तैर रहा है। उसके उच्च तल पर एक सिक्का रखा है। दूरियाँ l व $ h$ प्रदर्शित हैं। यदि कुछ समय पश्चात् सिक्का पानी में गिर जाये तो
गुएरिक (Guericke) के प्रयोग में वायुमंडलीय दाब के असर को दिखाने के लिए तांबे के दो अर्धवृत्तीय गोलों को एक दूसरे के साथ जोड़कर एक खोखला गोला बनाया जाता है, और इस गोले में निर्वात पैदा करने के लिए हवा निकाल दी जाती है। यदि प्रत्येक अर्धगोले की त्रिज्या $R$ है और वायुमंडलीय दाब $P$ है, तब अर्धगोलों को अलग करने के लिए न्यूनतम कितना बल लगाना होगा ?
स्प्रिंग तुला $A$ पर जब $m$ द्रव्यमान का पिण्ड लटकाया जाता है तब उसका पाठ $2$ किग्रा आता है। एक तुला $B$ बीकर में भरे जल का पाठ $5$ किग्रा पढ़ती है, जब बीकर को तुला के पलड़े पर रखा जाता है। अब इन दोनों को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है कि द्रव्यमान $m$ पूर्ण रुप से पानी में डूब जाये जैसा चित्र में दिखाया गया है। इस स्थिति में