नीचे दो कथन दिये गये है: एक को अभिकथन $\mathrm{A}$ तथा दूसरे को कारण $\mathrm{R}$ से चिन्हित किया गया है। अभिकथन $\mathrm{A}$ : जब आप ट्यूब के एक सिरे को दबाते हैं तो इसके दूसरे सिरे से टूथपेस्ट बाहर आता है। पास्कल के नियम का आंकलन होता है।
कारण $R$: एक बन्द असंपीड्य द्रव पर आरोपित दाब में एक परिवर्तन द्रव के प्रत्येक भाग एवं बर्तन की अपनी दीवारों को बिना कम किये पारगमित हो जाता है। उपरोक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिये गये विकल्पों में से सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर चुनिए:
$A$ सही नहीं है परन्तु $R$ सही है।
$A$ सही है परन्तु $R$ सही नहीं है।
$A$ व $R$ दोनों सही हैं और $R, A$ की सही व्याख्या है।
$A$ व $R$ दोनों सही हैं परन्तु $R, A$ की सही व्याख्या नहीं है।
एक वस्तु किसी द्रव की सतह पर ठीक तैर रही है। वस्तु का घनत्व द्रव के घनत्व के समान है। वस्तु थोड़ी सी द्रव में (नीचे) धकेली जाती है। वस्तु पर क्या प्रभाव पड़ेगा
किसी गेंद का घनत्व $0.4 × 10^3 kg/m^3$ है। यदि यह गेंद $9 cm$ ऊँचाई से जल में गिरायी जाती है, तो वह ........ $cm$ गहराई तक जाएगी
किसी गोलाकार गेंद की त्रिज्या $r$ व आपेक्षिक घनत्व $0.5$ है। गेंद जल में इस प्रकार साम्य में है कि उसका आधा भाग डूबा है। गेंद को जल में पूर्णत: ठीक डुबोने के लिए ऊध्र्वाधर बल द्वारा कितना कार्य करना होगा (जहाँ $\rho $= जल का घनत्व)
एक त्रिज्या $R$ त्रिज्या घनत्व $\rho$ वाले ठोस गोलक को एक द्रव्यमान रहित स्प्रिंग के एक सिरे से जोड़ा गया है। इस स्प्रिंग का बल नियतांक $k$ है। स्प्रिंग के दूसरे सिरे को दूसरे ठोस गोलक से जोड़ा गया है जिसकी त्रिज्या $R$ व घनत्व $3 p$ है। पूर्ण विन्यास को $2 p$ घनत्व के द्रव में रखा जाता है और इसको साम्यावस्था में पहुँचने दिया जाता है। सही प्रकथन है/हैं -
$(A)$ स्प्रिंग की नेट दैर्ध्यवृद्धि $\frac{4 \pi R ^3 \rho g }{3 k }$ है।
$(B)$ स्प्रिंग की नेट दैर्ध्यवृद्धि $\frac{8 \pi R^3 \rho g }{3 k }$ है।
$(C)$ हल्का गोलक आंशिक रूप से डूबा हुआ है।
$(D)$ हल्का गोलक पूर्ण रूप से डूबा हुआ है।
एक यंत्र हीलियम गैस से भरे हुए साबुन के बुलबुले बना रहा है। यह पाया गया कि यदि बुलबुलों की त्रिज्या $1 \,cm$ से कम हो तो स्थिर वायु में वे धरातल पर आ गिरते हैं। वहीं बड़े आकार के बुलबुले हवा में तैरते रहते हैं। मान लिजिये कि साबुन के बुलबुले की परत की मोटाई सभी बुलबुलों में समान है। यह भी मान लीजिये कि साबुन के घोल का घनत्व पानी के घनत्व $\left(=1000 \,kg m ^{-3}\right.$ ) के बराबर है। हीलियम का घनत्व बुलबुले के अंदर तथा वायु में क्रमशः $0.18 \,kg m ^{-3}$ तथा $1.23 \,kg m ^{-3}$ है। तब बुलबुलों के साबुन की परत की मोटाई ................ $\mu m$ होगी : (ध्यान दें : $1 \,\mu m =10^{-6} m$ )