निम्न ग्राफ में शिखर मान $1\,A$ एवं $200 \,rd/sec$ आवृत्ति की प्रत्यावर्ती धारा को दर्शाया गया है। यह प्रत्यावर्ती धारा ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक में आरोपित की जाती है, यदि प्राथमिक एवं द्वितीयक के बीच अन्योन्य प्रेरण गुणांक $1.5 \,H$ तब द्वितीयक में प्रेरित वि. वा. बल.....$V$ होगा
$300$
$191$
$220$
$471 $
तार से बने त्रिज्या $a$ के छोटे वृत्ताकार वलय को त्रिज्या $b$ के एक बृहत् वृत्ताकार वलय के केन्द्र पर रखा गया है। दोनों वलय एक ही समतल में हैं। त्रिज्या $b$ के बाह्य वलय में एक प्रत्यावर्ती धारा $I=I_{0} \cos (\omega t)$ प्रवाहित की जाती है। त्रिज्या $a$ वाले आन्तरिक वलय में प्रेरित विद्युत वाहक बल होगा
$(a)$ चित्र में दर्शाए अनुसार एक लंबे, सीधे, तार तथा एक वर्गाकार लूप जिसकी एक भुजा की लंबाई $a$ है, के लिए अन्योन्य प्रेरकत्व का व्यंजक प्राप्त कीजिए।
$(b)$ अब मान लीजिए कि सीधे तार में $50\, A$ की धारा प्रवाहित हो रही है तथा लूप एक स्थिर वेग $v=10\, m / s$ से दाईं ओर को गति कर रहा है। लूप में प्रेरित विध्यूत वाहक बल का परिकलन उस क्षण पर कीजिए जब $x=0.2 \,m$ हो। लूप के लिए $a=0.1 \,m$ लीजिए तथा यह मान लीजिए कि उसका प्रतिरोध बहुत अधिक है।
एक ' $R$ ' त्रिज्या वाले तार के एक छोटे वृत्ताकार पाश का भुजा $\mathrm{L}(\mathrm{L}>\mathrm{R})$ के तार के एक बड़े वर्गाकार पाश के अन्दर रखा गया है, इस व्यवस्था में अन्योन्य प्रेरकत्व ज्ञात कीजिए। दोनो पाश सह-तलीय तथा सकेन्द्रिय हैं।
$L$ लम्बाई की भुजा वाले एक वर्गाकार लूप के अन्दर l लम्बाई की भुजा वाला एक छोटा वर्गाकार लूप रखा जाता है $(L > l)$ दोनों लूप समतलीय है एवं इनके केन्द्र संपाती है। इस निकाय का अन्योन्य प्रेरण समानुपाती है
$\ell$ भुजा के तार के एक छोटे वर्गाकार लूप को $\mathrm{L}\left(\mathrm{L}=\ell^2\right)$ भुजा के एक बड़े वर्गाकार लूप के अन्दर रखा गया है। लूप समतलीय व संकेन्दीय है। निकाय के पारस्परिक प्रेरकत्व का मान $\sqrt{\mathrm{x}} \times 10^{-7} \mathrm{H}$ है, जहाँ $\mathrm{x}=$. . . . . .