एक इलेक्ट्रॉन, एक प्रोटॉन, एक ड्यूटॉन एवं एक $a$ कण एकसमान चाल से एक स्थिर चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत गति कर रहे है। इनकी वृत्तीय कक्षाओं की त्रिज्यायें क्रमश: $R_e, R_p, R_d \,$ एवं $\, R_\alpha$  है तब

  • A

    ${R_e} = {R_p}$

  • B

    ${R_p} = {R_d}$

  • C

    ${R_d} = {R_\alpha }$

  • D

    ${R_p} = {R_\alpha }$

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एक गतिमान इलेक्ट्रॉन पर $1500\, V / m$ तीव्रता का एक विद्युत क्षेत्र एवं $0.40\, wb/m^2$ तीव्रता का एक चुम्बकीय क्षेत्र कार्यरत है। एक सरल रेखा के अनुदिश इसका न्यूनतम वेग

विभवान्तर $' V ^{\prime}$ द्वारा त्वरित, एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $m$ ), किसी अनुप्रस्थ एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ से होकर तीव्र चाल से गुज़रता है। यह चुम्बकीय क्षेत्र $' d '$ चौड़ाई तक विस्तरित है। यदि, यह प्रोटॉन, चुम्बकीय क्षेत्र के कारण अपनी गति की प्रारंभिक दिशा से $' \alpha '$ कोण से विचलित हो जाता है (आरेख दे खिये) तो, $\sin \alpha$ का मान होगा :

  • [JEE MAIN 2015]

दो आयनों, जिनके द्रव्यमानों का अनुपात $1:1$ एवं आवेशों का अनुपात $II$ $1 : 2$ है, को एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत् प्रक्षेपित किया जाता है। इनकी चालों का अनुपात $2 : 3$ है। दोनों कणों द्वारा बनाये गये वृत्तीय पथोंं की त्रिज्याओं का अनुपात होगा

टेसला मात्रक है

  • [AIPMT 1997]

एक नियत अंतराल $d$ पर स्थित प्रोटॉन एवं इलेक्ट्रॉनों के दो पुंजों की संगत धारा समान है। इलेक्ट्रॉन एवं प्रोटॉन परस्पर विपरीत दिशा में गतिमान हैं। दोनों पुंजों को मिलाने वाली रेखा पर एक बिन्दु $P$ किसी भी पुंज से $x$ दूरी पर है। बिन्दु $P$ पर चुम्बकीय क्षेत्र $B$ है। $B$ एवं $x$ के बीच ग्राफ है

प्रोटॉन पुंज के समीपस्थ बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा कागज तल के लम्बवत् अन्दर $Ä$ की ओर है एवं इलेक्ट्रॉन पुंज के समीपस्थ बिन्दुओं पर यह बाहर ʘ की ओर है। दिये गये विकल्पों में ग्राफ $(c)$ सभी शर्तों को पूरा करता हैं।