जैसा कि निम्न चित्र में प्रदर्शित है, एक इलेक्ट्रॉन जब एक समांतर पट्टिका संधारित्र में क्षैतिज चाल $u$ से प्रवेश करता है तो बाहर निकलने पर कोण $\theta$ से विचलित हो जाता है। यह पाया जाता है कि $\tan \theta=0.4$ तथा गुरुत्वाकर्षण नगण्य है। यदि प्रारम्भिक क्षैतिज चाल को दोगुना कर दिया जाए तो $\tan \theta$ का मान क्या होगा?
$0.1$
$0.2$
$0.8$
$1.6$
एक इलेक्ट्रॉन विद्युत क्षेत्र में किसी वेग से विद्युत बल रेखाओं की दिशा में प्रवेश करता है तो
$100\,mg$ द्रव्यमान के एक धनावेशित कण को सामर्थ्य $1 \times 10^5\,NC ^{-1}$ के एक समान विद्युत क्षेत्र की विपरीत दिशा में फेंका जाता है। यदि कण पर आवेश $40\,\mu C$ है एवं कण का प्रारम्भिक वेग $200\,ms ^{-1}$ है तो कण क्षणिक रूप से विराम में आने से पूर्व $.........\,m$ दूर चलेगा ।
अभ्यास में वर्णित कण की इलेक्ट्रॉन के रूप में कल्पना कीजिए जिसको $v_{x}=2.0 \times 10^{6}$ $m s ^{-1}$ के साथ प्रक्षेपित किया गया है। यदि $0.5 \,cm$ की दूरी पर रखी प्लेटों के बीच बिदुत क्षेत्र $E$ का मान $9.1 \times 10^{2}\, N / C$ हो तो ऊपरी प्लेट पर इलेक्ट्रॉन कहाँ टकराएगा? $\left(|e|=1.6 \times 10^{-19} C , m_{e}=9.1 \times 10^{-31} kg .\right)$
एक आवेशित कण ( द्रव्यमान $m$ एवं आवेश $q )$ $X$ अक्ष के सापेक्ष $V _{0}$ वेग से गतिमान है। जब यह मूल बिन्दु से एकसमान विघुत क्षेत्र $\overrightarrow{ E }=- E \hat{ j }$ क्षेत्र से गुजरता है तो $x = d$ से विस्तारित होता है। क्षेत्र $X > d$ में इलेक्ट्रॉन पथ का समीकरण है
एक इलेक्ट्रॉन जिसका द्रव्यमान ${m_e}$ है प्रारम्भ में विराम अवस्था में है। ${t_1}$ समय में इलेक्ट्रॉन किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में निश्चित दूरी से चलता है। एक प्रोटॉन जिसका द्रव्यमान ${m_p}$ है, वह भी विराम अवस्था में है। प्रोटॉन भी इसी विद्युत क्षेत्र में उतनी ही दूरी चलने में ${t_2}$ समय लेता है। यदि गुरुत्वीय प्रभाव नगण्य माना जाये तो ${t_2}/{t_1}$ का लगभग मान होगा