कागज के तल में उत्तर से दक्षिण की ओर अनुदिश विद्युत क्षेत्र में, कैथोड किरणें पूर्व से पश्चिम दिशा में प्रवेश करती हैं। कैथोड किरणें विक्षेपित होंगी
पूर्व की ओर
दक्षिण की ओर
पश्चिम की ओर
उत्तर की ओर
कोई इलेक्ट्रॉन $2.0 \times 10^{4}\, N C ^{-1}$ परिमाण के एकसमान विध्यूत क्षेत्र में $1.5 \,cm$ दूरी तक गिरता है [चित्र $( a )]$ । क्षेत्र का परिमाण समान रखते हुए इसकी दिशा उत्क्रमित कर दी जाती है तथा अब कोई प्रोटोन इस क्षेत्र में उतनी ही दूरी तक गिरता है [ चित्र $( b )$ ]। दोनों प्रकरणों में गिरने में लगे समय की गणना कीजिए। इस परिस्थिति की 'गुरूत्व के अधीन मुक्त पतन' से तुलना कीजिए।
$m$ द्रव्यमान के एक आवेशित कण, जिस पर आवेश $q$ है, को एकसमान विधुत क्षेत्र में स्थिर अवस्था से छोड़ा जाता है। यदि इस पर कोई और बल न लग रहा हो तो इसकी गति $v$ तथा इसके द्वारा चली गयी दूरी $x$ में सम्बंध निम्न में से किस ग्राफ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है ? (ग्राफ संकेतात्मक है)
एक छोटे धनावेशित कण को एक मेज के किनारे से छोड़ा जाता है। इस क्षेत्र में क्षैतिज दिशा में एक एकसमान विधुत क्षेत्र है (चित्र देखें)। ऐसी अवस्था में निम्न में से कौनसा ग्राफ कण के पथ को उचित रूप से दर्शाता है? (ग्राफ सांकेतिक है).
दिये गये चित्रों में दो स्थितियाँ दिखायी गयी हैं जिनमें दो अनन्त लम्बाई के एकसमान रैखिक आवेश घनत्व $\lambda$ (धनात्मक) के सीधों तार एक-दूसरे के समानान्तर रखे गये हैं। चित्रानुसार $q$ तथा $-q$ मान के बिन्दु आवेश तारों से समान दूरी पर उनके विधुत क्षेत्र समावस्था में रखे हुए हैं। ये आवेश केवल $x$-दिशा में चल सकते हैं। यदि आवेशों को उनकी समावस्था से थोड़ा सा विस्थापित करा जाये, तो सही विकल्प है (हैं)
एक इलेक्ट्रॉन पर आवेश ‘$e$’ तथा द्रव्यमान ‘$m$’ है, समरूप विद्युत क्षेत्र $E$ में गति कर रहा है। इसका त्वरण होगा