एक इलेक्ट्रॉन पूर्व की दिशा में क्षैतिज गति कर रहा है। ऊध्र्वाधर नीचे की ओर कार्यरत एक चुम्बकीय क्षेत्र, इस इलेक्ट्रॉन पर निम्न दिशा में बल आरोपित होगा

  • A

    पूर्व में

  • B

    पश्चिम में

  • C

    उत्तर में

  • D

    दक्षिण में

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जब कोई विद्युत आवेशित कण एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है तो इसकी गतिज ऊर्जा

एक प्रोटॉन, एक ड्यूटॉन तथा एक $\alpha  - $ कण समान विभवान्तर से त्वरित होकर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं। इनकी गतिज ऊर्जाओं का अनुपात है

एक समांगी विद्युत क्षेत्र $\mathop E\limits^ \to  $ एवं एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $\mathop B\limits^ \to  $ एक ही दिशा में हैं। एक प्रोटॉन को विद्युत क्षेत्र $\mathop E\limits^ \to  $ के समान्तर प्रक्षेपित किया जाता है, तब यह

$6 \times 10^{-4}\, T$ के चुंबकीय क्षेत्र के लंबवत $3 \times 10^{7}\, m / s$ की चाल से गतिमान किसी इलेक्ट्रोन  (द्रव्यमान $9 \times 10^{-31} \,kg$ तथा ओवेश $1.6 \times 10^{-19}\, C$ ) के पथ की त्रिज्या क्या है? इसकी क्या आवृत्ति होगी? इसकी ऊर्जा $KeV$ में परिकलित कीजिए। $\left(1 eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right)$

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर द्रीजिए :

$(a)$ किसी प्रकोष्ठ में एक ऐसा चुंबकीय क्षेत्र स्थापित किया गया है जिसका परिमाण तो एक बिंदु पर बदलता है, पर दिशा निश्चित है (पूर्व से पशिचम)। इस प्रकोष्ठ में एक आवेशित कण प्रवेश करता है और अविचलित एक सरल रेखा में अचर वेग से चलता रहता है। आप कण के प्रारंभिक वेग के बारे में क्या कह सकते हैं।

$(b)$ एक आवेशित कण, एक ऐसे शक्तिशाली असमान चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है जिसका परिमाण एवं दिशा दोनों एक बिंदु से दूसरे बिंदु पर बदलते जाते हैं, एक जटिल पथ पर चलते हुए इसके बाहर आ जाता है। यदि यह मान लें कि चुंबकीय क्षेत्र में इसका किसी भी दूसर कण से कोई संघट्ट नहीं होता तो क्या इसकी अंतिम चाल, प्रारंभिक चाल के बराबर होगी?

$(c)$ पश्चिम से पूर्व की ओर चलता हुआ एक इलेक्ट्रॉन एक ऐसे प्रकोष्ठ में प्रवेश करता है जिसमें उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर एकसमान एक वैध्यूत क्षेत्र है। वह दिशा बताइए जिसमें एकसमान चुंबकीय क्षेत्र स्थापित किया जाए ताकि इलेक्ट्रॉन को अपने सरल रेखीय पथ से विच्लित होने से रोका जा सके।