एक आवेशित कण $\overrightarrow{ v }$ वेग से चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }$ में चलता है। इस पर कार्यरत बल शून्य नहीं है तो यह दर्शाता है कि
$\overrightarrow{ v }$ तथा $\overrightarrow{ B }$ के बीच कोण $0^{\circ}$ या $180^{\circ}$ है
$\overrightarrow{ v }$ तथा $\overrightarrow{ B }$ के बीच $90^{\circ}$ है।
$\overrightarrow{ v }$ तथा $\overrightarrow{ B }$ के बीच कोण $90^{\circ}$ के अलावा कुछ भी है
$\overrightarrow{ v }$ तथा $\overrightarrow{ B }$ के बीच कोण $180^{\circ}$ के अलावा कुछ भी है
एक प्रोटॉन, एक ड्यूटॉन तथा एक $\alpha - $ कण समान विभवान्तर से त्वरित होकर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं। इनकी गतिज ऊर्जाओं का अनुपात है
समरुपी चुम्बकीय क्षेत्र $B$ दक्षिण से उत्तर की ओर कार्य कर रहा है तथा इसका परिमाण $1.5$ $Wb/{m^2}$ है। यदि एक प्रोटॉन (द्रव्यमान $ = 1.7 \times {10^{ - 27}}\,kg$ तथा आवेश $ = 1.6 \times {10^{ - 19}}\,C$) $5\,MeV$ ऊर्जा से ऊध्र्वाधर नीचे की ओर इस क्षेत्र में गति करे तो उस पर बल कार्य करेगा
$m$ द्रव्यमान एवं $q$ आवेश से आवेशित एक कण ${H^ + },\,H{e^ + }$ -अक्ष के अनुदिश $v$ वेग से गति करता हुआ विद्युत क्षेत्र $E$ एवं चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में प्रवेश करता है। निम्न में से किस चित्र में आवेश पर लगने वाला बल शून्य हो सकता है
एक प्रोटॉन तथा एक ड्यूट्रॉन जिनकी गतिज ऊर्जाएँ समान हैं, एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $B$ में क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं। प्रोटॉन तथा ड्यूट्रॉन के वृत्तीय पथों की त्रिज्याएँ ${R_p}$ एवं ${R_d}$ के लिए सही कथन है
किसी विशेष क्षण पर एक रेडियो-एक्टिव यौगिक से उत्सर्जित विकिरण एक चुम्बकीय क्षेत्र में विक्षेपित होता है। यौगिक उत्सर्जित कर सकता है
$(i) $ इलेक्ट्रॉन $(ii)$ प्रोटॉन $(iii)$ $H{e^{2 + }}$ $(iv)$ न्यूट्रॉन
दिये गये विशेष क्षण पर उत्सर्जित विकिरण हो सकता है