एक इलेक्ट्रॉन चुम्बकीय क्षेत्र $B = \hat i + 4\hat j - 3\hat k$ (टेसला) के अन्तर्गत $2 \times {10^5}$ मीटर/सैकण्ड की चाल से धनात्मक $x$-दिशा में गति करता है। इलेक्ट्रॉन पर लगने वाले बल का परिमाण न्यूटन में है (इलेक्ट्रॉन पर आवेश =$1.6 \times {10^{ - 19}}C)$
$1.18 \times {10^{ - 13}}$
$1.28 \times {10^{ - 13}}$
$1.6 \times {10^{ - 13}}$
$1.72 \times {10^{ - 13}}$
एक इलेक्ट्रॉन ऐसे क्षेत्र में प्रवेश करता है जहाँ विद्युत क्षेत्र $(B)$ तथा चुम्बकीय क्षेत्र $(E)$ एक-दूसरे के लम्बवत् है, तो
एक धात्विक गुटके को जिसमें से विद्युत धारा $I$ प्रवाहित हो रही है, एक समांगी प्रेरण $B$ में रख दिया गया है। गतिमान आवेशों पर लगने वाला बल $F$ है। परिणामत: गुटके के तल (Face) ........ के विभव में कमी आ जाती है (आवेशों का वेग $v$ मान लें)
चुम्बकीय क्षेत्र $\mathrm{B}$ में गतिमान एक आवेशित कण के वेग के घटक, $\mathrm{B}$ के अनुदिश और $\mathrm{B}$ के लम्बवत हैं। आवेशित कण का पथ होगा:
चित्र में $'l'$ लंबाई का एक क्षेत्र दिखाया गया है जिसमें $0.3 \,T$ का एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र है। इस क्षेत्र में एक प्रोटॉन $4 \times 10^{5}$ $ms ^{-1}$ गति से चुम्बकीय क्षेत्र से $60^{\circ}$ कोण बनाते हुए प्रवेश करता है। (यदि इस क्षेत्र को पार करने तक प्रोटॉन $10$ परिक्रमण पूरे करता है, तो $'l'$ का मान निम्न में से किसके निकट है ?
(प्रोटॉन का द्रव्यमान $=1.67 \times 10^{-27} \,kg$
प्रोटॉन पर आवेश $=1.6 \times 10^{-19} \,C$ )
$4$ परमाणु द्रव्यमान मात्रक (amu) तथा $16$ (amu) के दो आयनों पर क्रमश: $+2 \,e$ तथा $+3 \,e$ का आवेश हैं। ये आयन अचर लम्बवत् चुम्बकीय क्षेत्र के परास से गुजरते हैं। यदि दानों आयनों की गतिज ऊर्जा समान है, तो।