$4.0 \times 10^6 \,ms ^{-1}$ के प्रारम्भिक चाल वाले एक इलेक्ट्रॉन को विद्युत क्षेत्र के द्वारा पूर्ण रूप से विराम अवस्था में ला दिया जाता है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान तथा आवेश क्रमशः $9 \times 10^{-31} \,kg$ एवं $1.6 \times 10^{-19} \,C$ है । इनमें से कौन सा कथन सत्य है?
इलेक्ट्रॉन $11.4 \,\mu V$ के विभवांतर में निम्न विभव से उच्च विभव की ओर जाता है ।
इलेक्ट्रॉन $11.4 \,\mu V$ के विभवांतर में उच्च विभव से निम्न विभव की ओर जाता है।
इलेक्ट्रॉन $45 \,V$ के विभवांतर में निम्न विभव से उच्च विभव की ओर जाता है ।
इलेक्ट्रॉन $45 \,V$ के विभवांतर में उच्च विभव से निम्न विभव की ओर जाता है ।
एक इलेक्ट्रॉन को दूसरे इलेक्ट्रॉन की ओर लाने पर निकाय की वैद्युत स्थितिज ऊर्जा
दो समान पतले वलय, जिनमें से प्रत्येक की त्रिज्या $R$ मीटर है, एक-दूसरे से $R$ मीटर की दूरी पर समाक्षत: रख दिए जाते हैं। यदि $Q_1$ कूलॉम और $Q_2$ कूलॉम आवेश उन वलयों पर समान रूप से फैला दिए जाते हें तो एक आवेश $q$ को एक वलय के केन्द्र से दूसरे वलय के केन्द्र तक ले जाने में किया गया कार्य होगा
त्रिज्या $R$ के एक ठोस गोले पर आवेश $Q + q$ सम्पूर्ण आयतन पर एकसमान रूप से वितरित है। द्रव्यमान $m$ का एक अत्यतं बिन्दु समान छोटा टुकड़ा इस गोले की तली से अलग होकर गुरूत्वीय क्षेत्र के अंतर्गत ऊर्ध्वाधर नीचे गिरता है। इस टुकड़े पर आवेश $q$ है। यदि ऊर्ध्वाधर ऊँचाई $y$ से गिरने पर इस टुकड़े की चाल $v$ हो जाती है (चित्र देखिये) तो : (मान लें शेष भाग गोलीय हैं)
निम्नांकित आरेख के अनुसार एक बिन्दु आवेश $ + q$ मूलबिन्दु $O$ पर स्थित है। अन्य बिन्दु आवेश $ - Q$ को बिन्दु $A$ $(0,\,a)$ से अन्य बिन्दु $B(a, 0)$ तक सरल रेखीय पथ $AB$ के अनुदिश ले जाने में किया गया कार्य है:
कुल आवेश $q$ तथा त्रिज्या $3 a$ का एक एकसमान आवेशित वलय $xy$-समतल में मूलबिंदु पर केन्द्रित रखा है। एक बिन्दु आवेश $q$ इस वलय की तरफ $Z$-अक्ष पर चल रहा है। इसकी $z =4 a$ पर चाल $v$ है। मूलबिंदु को पार करने के लिए $v$ का न्यूनतम मान होगा ।