$K _{1}$ गतिज ऊर्जा का एक इलेक्ट्रॉन किसी संधारित्र की समांतर पट्टिकाओं के बीच पट्टिकाओं से $'\alpha'$ कोण बनाते हुए प्रवेश करता है। यह कण पट्टिकाओं से ' $\beta$ ' कोण बनाते हुए $K _{2}$ गतिज ऊर्जा से बाहर निकलता है। तब गतिज ऊर्जा से बाहर निकलता है। तब गतिज ऊर्जाओं के अनुपात $K _{1}: K _{2}$ का मान होगा?
$\frac{\sin ^{2} \beta}{\cos ^{2} \alpha}$
$\frac{\cos ^{2} \beta}{\cos ^{2} \alpha}$
$\frac{\cos \beta}{\cos \alpha}$
$\frac{\cos \beta}{\sin \alpha}$
एक संधारित्र की क्षमता $4 \times {10^{ - 6}}$ फैराड है और इसका विभव $100$ वोल्ट है। इसे पूर्ण अनावेशित करने पर व्यय ऊर्जा ........जूल होगी
चिकित्सा में उपयोगी डीफिब्रिलेटर (दिल की धड़कनों को सामान्य बनाने वाला उपकरण) में लगा $40$ $\mu F$ धारिता वाला संधारित्र $3000\,V$ तक आवेशित किया गया है। संधारित्र में संचित ऊर्जा $2\,ms$ अंतराल के स्पंदन (Pulse) द्वारा मरीज को दी जाती है। मरीज को दी गई शक्ति ......$kW$ होगी
$60 pF$ धारिता के एक संधारित्र को $20 V$ के स्त्रोत से पूरा आवेशित किया जाता है। तत्तपश्चात् इसे स्त्रोत से हटाकर $60 pF$ के एक दूसरे अनावेशित संधारित्र से पार्श्व संबंधन (parallel connection) में जोड़ा जाता है। जब आवेश पूरी तरह से दोनों संधारित्रों में वितरित हो जाये तो इस प्रक्रिया में स्थिर वैधुत ऊर्जा की क्षति $nJ$ में होती है।
$6$ $\mu C$ के आवेश को $9\, V$ की बैटरी के ऋण सिरे से धन सिरे तक ले जाने के लिए आवश्यक कार्य है
$3\,\mu F$ तथा $5\,\mu F$ धारिता के दो पृथक्कृत धात्विक गोलों को क्रमश: $300\,V$ तथा $500\,V$ तक आवेशित किया जाता है। जब इन्हें एक तार द्वारा जोड़ दिया जाता है तो ऊर्जा हानि होगी