एक हल्की, उध्र्वाधर लटकी स्प्रिंग के निचले सिरे से जुड़ा हुआ कण कम्पन कर रहा है। कण का अधिकतम वेग $15$ मी/सै है तथा दोलनकाल $628$ मिली सैकण्ड है। गति का आयाम (सेमी में)

  • A

    $3$

  • B

    $2$

  • C

    $1.5$

  • D

    $1$

Similar Questions

एक स्प्रिंग तुला की स्केल $0$ से  $10\, kg$ तक मापन करती है तथा इसकी लम्बाई $0.25\, m$ है। स्प्रिंग तुला से लटकी हुई एक वस्तु $\frac{\pi }{{10}}\sec$ के आवर्तकाल से ऊध्र्वाधर दोलन करती है। लटकी हुई वस्तु का द्रव्यमान ..... $kg$ होगा, (स्प्रिंग का द्रव्यमान नगण्य है) 

किसी ​स्प्रिंग से लटके $m$ द्रव्यमान का आवर्तकाल $2$ सैकण्ड है तब $4m$ द्रव्यमान का आवर्तकाल  .... सैकण्ड होगा

  • [AIIMS 1998]

दर्शाए गए आरेख में $200\; g$ और $800\; g$ द्रव्यमानों के दो पिण्ड $A$ और $B$ कमानियों के निकाय से जुड़े है। निकाय को मुक्त करते समय कमानियाँ तानित स्थिति में हैं और उनमें कुछ विस्तार है। क्षैतिज पष्ट को घर्षणहीन माना गया है। जब $k =20 \;N / m$ है तो कोणीय आवत्ति $\dots\;rad / s$ होगी।

  • [JEE MAIN 2021]

समान स्प्रिंग् नियतांक $k$ वाली दो स्प्रिंगों को श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है तथा बाद में समान्तर क्रम में जोड़ते हैं। यदि इनसे $m$द्रव्यमान का पिण्ड लटका है तो उनकी ऊध्र्वाधर दोलनों की आवृत्तियों का अनुपात होगा

चार द्रव्यमान रहित स्प्रिंगों के बल नियतांक क्रमश: $2k, 2k, k$ एवं $2k$ हैं। ये चित्रानुसार घर्षण रहित तल पर स्थित एक द्रव्यमान $M$ से जुड़ी है। यदि द्रव्यमान $M$ को क्षैतिज दिशा में विस्थापित कर दिया जाये तब दोलनों का आवर्तकाल होगा