अभ्यास में, मान लीजिए जब कमानी अतानित अवस्था में है तब पिण्ड की स्थिति $x=0$ है तथा बाएँ से दाएँ की दिशा $x-$ अक्ष की धनात्मक दिशा है । दोलन करते पिण्ड के विस्थापन $x$ को समय के फलन के रूप मे दर्शाइए, जबकि विराम घड़ी को आरंभ $(t=0)$ करते समय पिण्ड,
$(a)$ अपनी माध्य स्थिति,
$(b)$ अधिकतम तानित स्थिति, तथा
$(c)$ अधिकतम संपीडन की स्थिति पर है ।
सरल आवर्त गति के लिए ये फलन एक दूसरे से आवृत्ति में, आयाम में अथवा आरंभिक कला में किस रूप में भिन्न हैं ?
The functions have the same frequency and amplitude, but different initial phases
Distance travelled by the mass sideways, $A=2.0 \,cm$
Force constant of the spring, $k=1200\, N m ^{-1}$
Mass, $m=3 \,kg$
Angular frequency of oscillation:
$\omega=\sqrt{\frac{k}{m}}$
$=\sqrt{\frac{1200}{3}}=\sqrt{400}=20 \,rad s ^{-1}$
When the mass is at the mean position, initial phase is $0 .$
Displacement, $x=A \sin \omega t$
$=2 \sin 20 t$
At the maximum stretched position, the mass is toward the extreme right. Hence, the
initial phase is $\frac{\pi}{2}$
Displacement, $x=A \sin \left(\omega t+\frac{\pi}{2}\right)$
$=2 \sin \left(20 t+\frac{\pi}{2}\right)$
$=2 \cos 20 t$
At the maximum compressed position, the mass is toward the extreme left. Hence, the initial phase is $\frac{3 \pi}{2}$
$x=A \sin \left(\omega t+\frac{3 \pi}{2}\right)$
Displacement,
$=2 \sin \left(20 t+\frac{3 \pi}{2}\right)=-2 \cos 20 t$
The functions have the same frequency $\left(\frac{20}{2 \pi} Hz \right)$ and amplitude $(2 \,cm ),$ but different initial phases $\left(0, \frac{\pi}{2}, \frac{3 \pi}{2}\right)$
$500 \,N \,m ^{-1}$ कमानी स्थिरांक किसी कमानी से $5\, kg$ संहति का कोई कॉलर जुड़ा है जो एक क्षेतिज छड़ पर बिना किसी घर्षण के सरकता है । कॉलर को उसकी साम्यावस्था की स्थिति से $10.0 \,cm$ विस्थापित करके छोड दिया जाता है । कॉलर के
$(a)$ दोलन का आवर्तकाल
$(b)$ अधिकतम चाल तथा
$(c)$ अधिकतम त्वरण परिकलित कीजिए
समान द्रव्यमान के दो कण $A$ और $B$ दो द्रव्यमानहीन कमानियों, जिनके कमानी नियतांक क्रमशः $K _{1}$ और $K _{2}$ हैं, से निलंबित हैं। यदि दोलन करते समय अधिकतम वेग समान हैं, तो $A$ और $B$ के आयामों का अनुपात है।
समान द्रव्यमान $0.1\, kg$ वाली दो एक सामन गेंदे $A$ तथा $B$ दो एक समान एवं द्रव्यमान विहीन स्प्रिंगों से जुड़ी है। यह स्प्रिंग द्रव्यमान निकाय किसी दृढ़, चिकने वृत्तीय एवं क्षैतिज तल में स्थित पाइप में स्थित है जैसा कि दिखाया गया है। दोनों गेंदों के केन्द्र $0.06\, m$ त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घूमते है। प्रत्येक स्प्रिंग की वास्तविक लम्बाई $0.06\pi\, m$ एवं स्प्रिंग नियतांक $0.1\,N/m$ हैं प्रारम्भ में दोनों गेंदें व्यास $PQ$ के सापेक्ष $\theta = \pi /6$ रेडियन कोण से विस्थपित की जाती है। मुक्त करने पर गेंद $B$ के दोलनों की आवृत्ति होगी
किसी चिकने नत समतल पर द्रव्यमान $M$ दो स्प्रिंग के मध्य में चित्रानुसार रखा हुआ है तथा स्प्रिंगों के दूसरे सिरे दृढ आधारों से जुडे़ हैं। प्रत्येक स्प्रिंग का बल नियतांक $K$ है। यदि स्प्रिंग के भार नगण्य हो तब इस द्रव्यमान की सरल आवर्त गति का आवर्तकाल होगा
आरेख में दर्शाए अनुसार कमानी स्थिरांक $'2k'$ की दो सर्वसम कमानियाँ द्रव्यमान $m$ के किसी गुटके और दढ़ सपोर्ट से जुड़ी हैं। जब इस गुटके को इसकी साम्यावस्था से किसी एक ओर विस्थापित किया जाता है तो सरल आवर्त गति करने लगता है। इस निकाय के दोलन का आवर्तकाल होगा।