जब $m$ द्रव्यमान को किसी स्प्रिंग से जोड़ा जाता है तो इसकी लम्बाई में $0.2$ मीटर की वृद्धि हो जाती है। $m$ द्रव्यमान को थोड़ा सा अतिरिक्त खींच कर छोड़ देने पर इसका आवर्तकाल होगा
$\frac{1}{7}$ सैकण्ड
$1$ सैकण्ड
$\frac{{2\pi }}{7}$ सैकण्ड
$\frac{2}{{3\pi }}$ सैकण्ड
एक स्प्रिंग से लटकाये गये किसी कण का आवर्तकाल $T$ है। यदि स्प्रिंग को चार बराबर भागों में काटकर उसी द्रव्यमान को किसी एक भाग से लटका दें तो नया आवर्तकाल होगा
किसी चिकने नत समतल पर द्रव्यमान $M$ दो स्प्रिंग के मध्य में चित्रानुसार रखा हुआ है तथा स्प्रिंगों के दूसरे सिरे दृढ आधारों से जुडे़ हैं। प्रत्येक स्प्रिंग का बल नियतांक $K$ है। यदि स्प्रिंग के भार नगण्य हो तब इस द्रव्यमान की सरल आवर्त गति का आवर्तकाल होगा
किसी कमानी से लटका एक पिण्ड एक क्षैतिज तल में कोणीय वेग $\omega$ से घर्षण या अवमंदन रहित दोलन कर सकता है। इसे जब $x_{0}$ दूरी तक खींचते हैं और खींचकर छोड़ देते हैं तो यह संतुलन केन्द्र से समय $t=0$ पर $v_{0}$ वेग से गुजरता है। प्राचल $\omega . x_{0}$ तथा $v_{0}$ के पदों में परिणामी दोलन का आयाम ज्ञात करिये। [संकेत: समीकरण $x=a \cos (\omega t+\theta)$ से प्रारंभ कीजिए। ध्यान रहे कि प्रारंभिक वेग ऋणात्मक है। ]
$M_1$और $M_2$ दो द्रव्यमान $K$ नियतांक वाली किसी द्रव्यमान विहीन स्प्रिंग से चित्र में दिखाये अनुसार लटके हैं। संतुलन की अवस्था में, निकाय को प्रभावित न करके यदि $M_1$ को धीरे से हटा लिया जाये तो दोलन का आयाम होगा
$m$ द्रव्यमान का पिण्ड, $k$ बल नियतांक वाली स्प्रिंग् पर आवर्तकाल $T$ के दोलन करता है। यदि स्प्रिंग् के दो बराबर भाग करके उन्हें समान्तर में चित्रानुसार जोड़कर उसी द्रव्यमान को फिर से दोलन कराए जाएँ तब आवर्तकाल होगा