मान लें व्योम में एक विध्युत क्षेत्र $\vec{E}=30 x^{2} \hat{i}$ है। तब विभवान्तर $V_{A}-V_{O}$ जहाँ $V_{O}$ मूलबिन्दु पर विभव एवं $V_{A}, x=2 \,m$ पर विभव ....$V$ है।
$-120$
$-80$
$80$
$120$
$Q$ आवेश से आवेशित, $R$ त्रिज्या के गोलीय चालक के अन्दर केन्द्र से $x$-दूरी पर विभव होगा
$125$ छोटी-छोटी पारे की बूँदों को मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी गयी है। इस पर विभव $2.5\, V$ है। प्रत्येक छोटी बूँद पर विभव .......$V$ होगा
$R$ त्रिज्या के एक पतले गोलीय अचालक कोश (spherical insulating shell) पर आवेश एकसमान रूप से इस तरह से वितरित है कि इसकी सतह पर विभव $V _0$ है। इसमें एक छोटे क्षेत्रफल $\alpha 4 \pi R ^2(\alpha<<1)$ वाला एक छिद्र बकी कोश को प्रभावित किए क्ति काया जाता है। निम्नलिखित कथनों में से कौनसा सही है?
धातुओं से बने हुए दो गोले $S _{1}$ और $S _{2}$ जिनकी त्रिज्याएँ क्रमशः $R _{1}$ और $R _{2}$ है आवेशित है। यदि इसकी सतह पर विधुत क्षेत्र $E _{1}\left( S _{1}\right.$ पर $)$ तथा $E _{2}\left( S _{2}\right.$ पर $)$ ऐसे हैं कि $E _{1} / E _{2}= R _{1} / R _{2}$ तो इन पर स्थिर वैधुत वोल्टता $V _{1}\left( S _{1}\right.$ पर $)$ तथा $V _{2}\left( S _{2}\right.$ पर $)$ का अनुपात $V _{1} / V _{2}$ होगा :
$N$ एकसमान गोलीय बूँदें जो समान विभव $V$ तक आवेशित है, मिलकर एक बड़ी बूँद बनाती है। नई बूँद का विभव होगा