तीन संकेन्द्री धातु कोष $A, B$ तथा $C$ जिनकी त्रिज्यायें क्रमशः $a$, $b$ तथा $c(a< b< c)$ हैं, का पृष्ठ-आवेश-घनत्व क्रमश : $+\sigma$ $-\sigma$ तथा $+\sigma$ है। कोष $B$ का विभव होगा

  • [JEE MAIN 2018]
  • A

    $\frac{\sigma}{\epsilon_0} \left[ {\frac{a^2-b^2}{b}+c} \right ]$

  • B

    $\frac{\sigma}{\epsilon_0} \left[ {\frac{b^2-c^2}{b}+a} \right ]$

  • C

    $\frac{\sigma}{\epsilon_0} \left[ {\frac{b^2-c^2}{c}+a} \right ]$

  • D

    $\frac{\sigma}{\epsilon_0} \left[ {\frac{a^2-b^2}{a}+c} \right ]$

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दो अचालक $R_1$ तथा $R_2$ त्रिज्या वाले गोलों को क्रमशः $+\rho$ तथा $-\rho$ एकसमान आयतन आवेश घनत्व से आवेशित किया गया है। इन गोलों को चित्र में दर्शाए अनुसार इस प्रकार जोड़ कर रखा गया है कि वे आंशिक रूप से अतिछादित है। अतिछादित क्षेत्र के प्रत्येक बिन्दु पर -

$(A)$ स्थिर विधुत क्षेत्र शून्य है।

$(B)$ स्थिर विधुत विभव अचर है।

$(C)$ स्थिर विधुत क्षेत्र का परिमाण अचर है।

$(D)$ स्थिर विधुत क्षेत्र की दिशा एकसमान है।

  • [IIT 2013]

दो आवेश $12\,\mu C$ एवं $ - 6\,\mu C$, वायु में एक दूसरे से $20$ सेमी.  की दूरी पर रखे हैं। आवेशों को जोड़ने वाली रेखा पर आवेशों के बाहर किसी बिन्दु $P$ पर यदि परिणामी विभव शून्य है तो बिन्दु $P$ की $ - 6\,\mu C$ आवेश से दूरी ....मीटर होगी

किसी चालक गोले के अन्दर विद्युत विभव

$R$ त्रिज्या के एक खोखले धात्विक गोले को $Q$ आवेश दिया गया है। इसके केन्द्र पर विभव होगा

चार आवेश $ + Q,\, - Q,\, + Q,\, - Q$ एक वर्ग के चारों कोनों पर क्रम में रखे हैं। वर्ग के केन्द्र पर