कैथोड किरणें, दृष्य प्रकाष किरणों के समान होती हैं क्योंकि
ये दोनों विद्युत एवं चुम्बकीय क्षेत्रों में विक्षेपित हो जाती हैं
इन दोनों में निश्चित परिमाण की तरंगदैध्र्य होती है
ये दोनों गैस से गुजरने पर उसे आयनित कर देती हैं
ये दोनों फोटोग्राफिक फिल्म को प्रभावित करती हैं
प्रयोग करते हुए एक दिन मिलीकन ने एक बूँद पर निम्नलिखित आवेश प्रेरित किये
$(i)$ $6.563 \times {10^{ - 19}}C$ $(ii)$ $8.204 \times {10^{ - 19}}C$
$(iii)$ $11.50 \times {10^{ - 19}}C$ $(iv)$ $13.13 \times {10^{ - 19}}C$
$(v)$ $16.48 \times {10^{ - 19}}C$ $(vi)$ $18.09 \times {10^{ - 19}}C$
इन आँकड़ों से मूल आवेश $(e)$ का मान आया
कैथोड किरणें होती हैं
किसी इलेक्ट्रॉन गन में, इलेक्ट्रॉन $ V$ विभव से त्वरित किये जाते हैं। यदि इलेक्ट्रॉन का आवेश $ e$ एवं द्रव्यमान $ m $ है तो इन इलेक्ट्रॉनों का अधिकतम वेग होगा
$\alpha $ -कण तथा प्रोटॉन के विशिष्ट आवेश का अनुपात है
मिलिकन तेल बूँद के प्रयोग में $1.8 \times {10^{ - 14}}kg$ द्रव्यमान की एक आवेशित तेल की बूँद इसकी प्लेटों के मध्य स्थिर है। प्लेटों के मध्य की दूरी $0.90 cm$ तथा विभवान्तर $2.0$ किलो वोल्ट है। तेल की बूँद पर इलेक्ट्रॉन की संख्या है