एकसमान आवेश घनत्व वाले एक गोले की कल्पना कीजिए जिसका कुल आवेश Q तथा त्रिज्या $R$ है. इस गोले के अन्दर स्थिरवैद्युत विभव के वितरण को $\emptyset(r)=\frac{Q}{4 \pi \epsilon_0 R}\left(a+b(r / R)^c\right)$ से निरूपित किया गया है. मान लीजिये कि अनंत पर विभव शून्य है. इस आधार पर $(a$, $b, c)$ के मान क्या होंगे?
$\left(\frac{1}{2}, \frac{3}{2}, 1\right)$
$\left(\frac{3}{2},-\frac{1}{2}, 2\right)$
$\left(\frac{1}{2},-\frac{1}{2}, 1\right)$
$\left(\frac{1}{2},-\frac{1}{2}, 2\right)$
यदि किसी आवेशित गोलीय चालक जिसकी त्रिज्या $10\,cm$ है के केन्द्र से $5\,cm$ की दूरी पर विभव $V$ है, तो इसके केन्द्र से $15\,cm$ दूरी पर विभव होगा
चाँदी (परमाणु संख्या = $47$) के नाभिक की त्रिज्या $3.4 \times {10^{ - 14}}\,m$ है। नाभिक की सतह पर विद्युत विभव होगा $(e = 1.6 \times {10^{ - 19}}\,C)$
x-अक्ष पर प्रत्येक बिन्दुओं $x = {x_0},\,x = 3{x_0},\,x = 5{x_0}$.....$\infty$ पर आवेश q रखा है एवं बिन्दुओं $x = 2{x_0},\,x = 4{x_0},x = 6{x_0}$, …$\infty$ पर दूसरा आवेश -q रखा है, यहाँ ${x_0}$ धनात्मक नियतांक है। यदि किसी आवेश $Q$ से $r$ दूरी पर विभव का मान $Q/(4\pi {\varepsilon _0}r)$ हो तो उपरोक्त आवेशों के निकाय के कारण मूल बिन्दु पर विभव होगा
$0.2$ मी. भुजा वाले एक समबाहु त्रिभुज के दो शीर्षों $A$ व $B$ पर प्रत्येक $4\,\mu C$ के आवेश वायु में रखे हैं। शीर्ष $C$ पर विद्युत विभव होगा $\left[ {\frac{1}{{4\pi {\varepsilon _0}}} = 9 \times {{10}^9}\,\frac{{N - {m^2}}}{{{C^2}}}} \right]$
$q$ परिमाण के दो विपरीत आवेश एक दूसरे से $2d$ दूरी पर रखे हैं। उनके बीच मध्य बिन्दु पर विभव होगा