समान परिमाण तथा विपरीत प्रकृति के दो आवेश किसी निश्चित दूरी पर रखे हैं। इनके कारण उदासीन बिन्दु

  • A

    अस्तित्व में नहीं होगा

  • B

    इन दोनों के मध्य में होगा

  • C

    दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा के लम्बअर्धक पर होगा

  • D

    ऋणावेश के पास होगा

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एक $10 \mu \mathrm{C}$ आवेश दो भागों में विभाजित किया जाता है तथा $1 \mathrm{~cm}$ की दूरी पर रख दिया जाता है ताकि इसके बीच प्रतिकर्षण बल अधिकतम हो। दोनों भागों के आवेश है:

  • [JEE MAIN 2023]

दो स्थिर इलेक्ट्रॉनों, जिनके बीच की दूरी $'2d'$ है, के बीच इन्हें मिलाने वाली रेखा के मध्यबिन्दु पर तीसरा आवेश प्रोटॉन रखा है। इस प्रोटॉन को किसी लघु दूरी $x ( x < d )$ तक दोनों इलेक्ट्रॉनों को मिलाने वाली रेखा के लम्बवत् विस्थापित किया गया है। इसके कारण यह प्रोटॉन सरल आवर्त गति करने लगता है, जिसकी कोणीय आवत्ति होती है: $( m =$ आवेशित कण की संहति $)$

  • [JEE MAIN 2021]

यदि आवेशित कणों के मध्य की दूरी आधी कर दी जाती है, तो कणों के मध्य का बल होगा

दो बिन्दु आवेश $ + \,9e$ तथा $ + \,e$ एक दूसरे से $16$ सेमी. दूर स्थित हैं। अन्य आवेश $q$ को इनके बीच कहाँ रखा जाये कि निकाय सन्तुलन अवस्था में हो        

$4\,\mu\,C$ के किसी आवेश को, दो आवेशों में विभाजित किया जाता है। विभाजित आवेशों के बीच की दूरी नियत है। यदि उनके बीच में अधिकतम बल लग रहा है, तो विभाजित आवेशों का परिमाण होगा :

  • [JEE MAIN 2022]