समान त्रिज्या के पारे की आठ बूँदो पर समान आवेश है। इन्हें मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी गयाी है, तो प्रत्येक छोटी बूँद की तुलना में बडी बूँद की धारिता $.......$ गुना होगी
$8 $
$4$
$2$
$32$
एक संधारित्र की दो प्लेटों पर विभव क्रमश: $+10\,V$ एवं $-10\,V$ है। यदि एक प्लेट पर आवेश $40\,C$ है तो संधारित्र की धारिता .......$F$ होगी
किसी चालक को दिया गया विभव, निर्भर करता है
एक सूक्ष्म गोला जिस पर आवेश ‘$q$ ’ है, इसे दो समान्तर प्लेटों के मध्य $L$ लंबाई की डोरी से चित्रानुसार लटकाया गया है। पेण्डुलम का आवर्तकाल ${T_0}$ है। जब समान्तर प्लटों को आवेशित कर दिया जाये तो आवर्तकाल $T$ हो जाता है। $T/{T_0}$ अनुपात होगा
दो संकेंद्री गोलीय चालकों जिनको उपयुक्त विध्यूतरोधी आलंबों से उनकी स्थिति में रोका गया है, से मिलकर एक गोलीय संधारित्र बना है ( चित्र )। दर्शाइए कि गोलीय संधारित्र की धारिता $C$ इस प्रकार व्यक्त की जाती है :
$C=\frac{4 \pi \varepsilon_{0} r_{1} r_{2}}{r_{1}-r_{2}}$
यहाँ $r_{1}$ और $r_{2}$ क्रमशः बाहरी तथा भीतरी गोलों की त्रिज्याएँ हैं।
$C$ धारिता पर $V$ विभव की $64$ बूँदें मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी जाती है। यदि प्रत्येक छोटी बूँद पर $q$ आवेश हो, तो बड़ी बूँद पर आवेश होगा