एक आवेशित बेलनाकार संधारित्र के वलयाकार अन्तराल (Annular region) में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता $E$ का परिमाण

  • [IIT 1996]
  • A

    सभी बिन्दुओं पर एकसमान है

  • B

    आन्तरिक बेलन के पास वाले बिन्दुओं की तुलना में बाहरी बेलन के पास वाले बिन्दुओं पर अधिक है

  • C

    $1/r$ के अनुरूप बदलता है (यहाँ $r$ अक्ष से दूरी है)

  • D

    $1/{r^2}$ के अनुरूप परिवर्तित होता है (यहाँ $r$ अक्ष से दूरी है)

Similar Questions

$A$ तथा $B$ दो सुचालक गोलों की त्रिज्याएँ $a$ तथा $b(b > a)$ तथा वायु में ये संकेन्द्रीय रखे हैं। $B$ को $+Q$ कूलॉम आवेश से आवेशित करते हैं, तथा $A$ को भू-सम्पर्कित करते हैं तो इनकी प्रभावी धारिता है

दो एकसमान धातु की पतली प्लेटों पर क्रमशः $q _1$ और $q _2$ आवेश इस प्रकार है कि $q _1 > q _2 \mid C$ धारिता का एक समानान्तर पट्टिका संधारित्र बनाने के लिए दोनों प्लेटें एक-दूसरे के पास लायी जाती हैं, तो दोनों के बीच विभवान्तर है :

  • [JEE MAIN 2022]

$1$ मीटर त्रिज्या वाले धातु के गोले की धारिता के समान धारिता वाले $40$ मिमी व्यास वाले समान्तर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के बीच की दूरी ......मिमी होगी

$500\, \mu F$ धारिता के एक संधारित्र को $100\, \mu C/sec$ की दर से आवेशित करने पर कितने समयान्तराल पश्चात् इस पर $10\, V$ विभव आ.......$sec$ जायेगा

त्रिज्या $R_1$ वाले एक एकाकी चालक गोले की धारिता $n$ गुना हो जाती है, जब इसे $R _2$ त्रिज्या वाले, पृथ्वी से जुड़े हुए एक समकेन्द्रीय चालक गोले के अंदर रखा जाता है। उनकी त्रिज्याओं का अनुपात $\left(\frac{ R _2}{ R _1}\right)$ है:

  • [JEE MAIN 2022]