एक आवेशित बेलनाकार संधारित्र के वलयाकार अन्तराल (Annular region) में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता $E$ का परिमाण
सभी बिन्दुओं पर एकसमान है
आन्तरिक बेलन के पास वाले बिन्दुओं की तुलना में बाहरी बेलन के पास वाले बिन्दुओं पर अधिक है
$1/r$ के अनुरूप बदलता है (यहाँ $r$ अक्ष से दूरी है)
$1/{r^2}$ के अनुरूप परिवर्तित होता है (यहाँ $r$ अक्ष से दूरी है)
नीचे दो कथन दिए गए है: एक को अभिकथन $A$ द्वारा निरुपित किया गया है, एवं दूसरे को कारण $R$ द्वारा निरुपित किया गया है।
अभिकथन $\mathrm{A}$ : दो धात्विक गोलों को समान विभव तक आवेशित किया जाता है। इनमें से एक खोखला है एवं दूसरा ठोस है, एवं दोनों की त्रिज्याएँ समान हैं। ठोस गोले पर, खोखले गोले की तुलना में कम आवेश होगा।
कारण $R:$ धात्विक गोलों की धारिता, गोलों की त्रिज्याओं पर निर्भर करती है।
उपरोक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:
एक संधारित्र की दो प्लेटों पर विभव क्रमश: $+10\,V$ एवं $-10\,V$ है। यदि एक प्लेट पर आवेश $40\,C$ है तो संधारित्र की धारिता .......$F$ होगी
$1$ मीटर त्रिज्या वाले एक गोलीय चालक की धारिता है (फैरड में)
दो संकेंद्री गोलीय चालकों जिनको उपयुक्त विध्यूतरोधी आलंबों से उनकी स्थिति में रोका गया है, से मिलकर एक गोलीय संधारित्र बना है ( चित्र )। दर्शाइए कि गोलीय संधारित्र की धारिता $C$ इस प्रकार व्यक्त की जाती है :
$C=\frac{4 \pi \varepsilon_{0} r_{1} r_{2}}{r_{1}-r_{2}}$
यहाँ $r_{1}$ और $r_{2}$ क्रमशः बाहरी तथा भीतरी गोलों की त्रिज्याएँ हैं।
समान्तर प्लेट संधारित्र धारिता का मूल्य किस पर आश्रित नहीं है