विद्युत चुम्बकीय तरंगों की अनुप्रस्थ प्रकृति सिद्ध होती है
ध्रुवण से
व्यतिकरण से
परावर्तन से
विवर्तन से
विद्युत क्षेत्र $\left( E _0\right)=2.25\,V / m$ तथा चुम्बकीय $\left( B _0\right)=1.5 \times 10^{-8}\,T$ का एक विद्युत चुम्बकीय संदेश एक रेडार द्वारा भेजा जाता है, जो कि माध्यम में सीधी रेखा पर $3\,km$ दूर र्थित एक लक्ष्य से टकराता है। इसके बाद प्रतिध्वनि रेडार की ओर समान वेग से समान पथ में परावर्तित होती है। अगर संदेश $t _0$ पर रेडार से प्रेषित किया गया हो तो $..........\times 10^{-5}\,s$ समय में प्रतिध्वनि रेडार तक वापस आयेगी ।
आवृत्ति $1 \times 10^{14}$ हर्टज की एक विद्युत चुम्बकीय तरंग $z$ - अक्ष पर संचरण कर रही है। विद्युत क्षेत्र का आयाम $4 \;V / m$ है। यदि $\varepsilon_{ o }=8.8 \times 10^{-12}\; C ^{2} / N - m ^{2}$, तब विद्युत क्षेत्र का औसत ऊर्जा घनत्व होगा
एक समतल वैद्युतचुम्बकीय तरंग में चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }= B _{0} \sin ( k x+\omega t ) \hat{j} T$ है । इसके संगत विद्युत क्षेत्र का सूत्र होगा :
यहाँ $C$ प्रकाश का वेग है।
विध्यूत चुम्बकीय तरंगो के गुणों के लिये कौन सा कथन सत्य (सही) नहीं है?
एक समतल विधुत चुम्बकीय तरंग मुक्त आकाश में $x$-दिशा में गतिशील है। आकाश के एक विशेष बिन्दु पर तरंग का विधुत क्षेत्र घटक, एक समय पर $E =6$ $V m ^{-1} y$-दिशा में है। उसके संगत इसका चुम्बकीय क्षेत्र घटक $B$ होगा ?