अभिक्रिया $A \to B$ के लिये जब $A$ के सान्द्रण को दो गुना करते हैं तो अभिक्रिया का वेग चार गुना हो जाता है। अभिक्रिया के लिये दर व्यंजक $r = K{(A)^n}$ है। यहाँ $n$ का मान है
$1$
$0$
$3$
$2$
एक अभिक्रिया जिसमें दो विभिन्न अभिकारक अंतर्निहित हैं
जब अभिक्रिया अग्र दिशा में चल रही है
द्वितीय कोटि अभिक्रिया के लिये दर स्थिरांक $8 \times {10^{ - 5}}$ मोल$^{ - 1}$ मिनट$^{ - 1}$ है $1$ मोल विलयन को $0.5$ मोल में अपचयित करने में कितना समय लगेगा
$2 NO ( g )+ Cl _{2}( g ) \rightleftharpoons 2 NOCl ( s )$
इस अभिक्रिया का $-10^{\circ} C$ पर अध्ययन कर निम्न आंकडें प्राप्त हुए
प्रेक्षण | $[ NO ]_{0}$ | $\left[ Cl _{2}\right]_{0}$ | $r _{0}$ |
$1$ | $0.10$ | $0.10$ | $0.18$ |
$2$ | $0.10$ | $0.20$ | $0.35$ |
$3$ | $0.20$ | $0.20$ | $1.40$ |
$[ NO ]_{0}$ तथा $\left[ Cl _{2}\right]_{0}$ आरंभिक सान्द्रतायें हैं तथा $r _{0}$ आरंभिक अभिक्रिया दर है। अभिक्रिया की सम्पूर्ण कोटि है.............। (निकटतम पूर्णांक में)
आण्विक अभिक्रियाओं की अपेक्षा आयनिक अभिक्रियाओं के पूर्ण होने में समय