नीचे दो कथन दिए गए हैं। एक को अभिकथन $A$ एवं दूसरे को कारण $R$ कहा गया है।
अभिकथन $A$ : बोरिक अम्ल एक दुर्बल अम्ल है।
कारण $R:$ बोरिक अम्ल $H ^{+}$आयन को स्वतः
निर्मुक्त नहीं कर पाता है। यह जल से $OH ^{-}$ आयन प्राप्त करता है तथा $H ^{+}$निर्मुक्त करता है।
$A$ एवं $R$ दोनों सही हैं औनर $A$ की सही व्याख्या $R$ है ।
$A$ एवं $R$ दोनों सही है और $A$ की सही व्याख्या $R$ नहीं है।
$A$ सही है परन्तु $R$ गलत है।
$A$ गलत है परन्तु $R$ सही है।
बोरिक अम्ल के बहुलकीय होने का कारण
कमरे के ताप पर बोरिक अम्ल ठोस है जबकि $\mathrm{BF}_3$ गैस है क्योंकि -
डाइबोरेन के लिए नीचे कथन दिए है
$(a)$ $I _{2}$ के साथ $NaBH _{4}$ के ऑक्सीकरण द्वारा डाइबोरेन का विरचन करते है।
$(b)$ प्रत्येक बोरोन परमाणु का संकरण $Sp ^{2}$ है।
$(c)$ डाइबोरेन में एक सेतुबंध त्रिकेन्द्रीय-द्विइलेक्ट्रॉन आबंध होता है।
$(d)$ डाइबोरेन एक समतलीय अणु है।
नीचे दिए गये विकल्पों में से जिनमें कथन सही है/हैं वह है $-$
नीचे दो कथन दिए गए हैं :
कथन $I$ : बोरॉन अत्यधिक कठोर है जो इसके उच्च जालक ऊर्जा का इंगित करता है।
कथन $II$ : समूह के अन्य सदस्यों की तुलना में बोरॉन का गलनांक एवं क्वथनांक सर्वाधिक है। उपर्युक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सर्वाधिक उपर्युक्त उत्तर चुनें:
$NH _3$ के साथ अभिक्रिया पर बोरॉन नाइट्राइड $(BN)$ उत्पन्न करने वाले यौगिक है (हैं)
$(A)$ $B$ $(B)$ $B _2 H _6$ $(C)$ $B _2 O _3$ $(D)$ $HBF _4$