$C$ धारिता की $n$ बूँदों को मिलाकर एक बड़ी बूँद बनायी गयी है, तो बड़ी बूँद में संचित ऊर्जा तथा प्रत्येक छोटी बूँद की ऊर्जा का अनुपात होगा
$n : 1$
$n^{1/3} : 1$
$n^{5/3} : 1$
$n^2 : 1$
एक गोलीय संधारित्र में बाहरी गोले की त्रिज्या $R$ है। बाहरी और भीतरी गोलों की त्रिज्याओं का अन्तर $x$ है, तो उसकी धारिता समानुपाती है
एक समान्तर-पट्ट संधारित्र की धारिता $12\,\mu \,F$ है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी दोगुनी एवं इनका क्षेत्रफल आधा कर दिया जाये जो नई धारिता ........$\mu \,F$ होगी
चित्र में दिखायी ग स्थिति पर विचार करें। संधारित्र $A$ पर आवेश $q$ है, जबकि $B$ अनावेशित है। स्विच $S$ को दबाने (बन्द करने) के लम्बे समायान्तराल के बाद संधारित्र $B$ पर आवेश है
$R_1$ त्रिज्या का एक ठोस गोला, एक दूसरे संकेन्द्री खोखले $R_1$ त्रिज्या वाले सुचालक गोले से घिरा हुआ है। इस संयोजन की धारिता निम्न के समानुपाती है
$C _{1}$ एवं $C _{2}$ धारिता के दो संधारित्रों को क्रमशः $120\, V$ तथा $200\, V$ विभव से आवेशित किया जाता है। इन्हें आपस में जोड़ने पर यह पाया जाता है कि इनमें से प्रत्येक पर विभव का मान शून्य है। तब