एक प्रोटॉन, एक ड्यूटॉन तथा एक $\alpha - $ कण समान विभवान्तर से त्वरित होकर एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के लम्बवत् प्रवेश करते हैं। इनकी गतिज ऊर्जाओं का अनुपात है
$1 : 2 : 2$
$2 : 2 : 1$
$1 : 2 : 1$
$1 : 1 : 2$
वर्णित हेल्महोल्टज कुंडलियों का उपयोग करके किसी लघुक्षेत्र में $0.75\, T$ का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र स्थापित किया है। इसी क्षेत्र में कोई एकसमान स्थिरवैध्यूत क्षेत्र कुंडलियों के उभयनिष्ठ अक्ष के लंबवत लगाया जाता है। (एक ही प्रकार के ) आवेशित कणों का $15 \,kV$ विभवांतर पर त्वरित एक संकीर्ण किरण पुंज इस क्षेत्र में दोनों कुंडलियों के अक्ष तथा स्थिरवैध्यूत क्षेत्र की लंबवत दिशा के अनुदिश प्रवेश करता है। यदि यह किरण पुंज $9.0 \times 10^{-5}\, V m ^{-1}$, स्थिरवैध्यूत क्षेत्र में अविक्षपित रहता है तो यह अनुमान लगाइए कि किरण पुंज में कौन से कण हैं। यह स्पष्ट कीजिए कि यह उत्तर एकमात्र उत्तर क्यों नहीं है।
चित्र में $'l'$ लंबाई का एक क्षेत्र दिखाया गया है जिसमें $0.3 \,T$ का एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र है। इस क्षेत्र में एक प्रोटॉन $4 \times 10^{5}$ $ms ^{-1}$ गति से चुम्बकीय क्षेत्र से $60^{\circ}$ कोण बनाते हुए प्रवेश करता है। (यदि इस क्षेत्र को पार करने तक प्रोटॉन $10$ परिक्रमण पूरे करता है, तो $'l'$ का मान निम्न में से किसके निकट है ?
(प्रोटॉन का द्रव्यमान $=1.67 \times 10^{-27} \,kg$
प्रोटॉन पर आवेश $=1.6 \times 10^{-19} \,C$ )
विभवान्तर $V$ से एक प्रोटॉन तथा एक $\alpha$-कण (जिनके द्रव्यमान का अनुपात $1: 4$ तथा आवेशों का अनुपात $1: 2$ है) को स्थिरावस्था से त्वरित करते हैं। यदि उनके वेगों के लम्बवत् एक एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $(B)$ लगाया जाये तो इन कणों के वृत्ताकार पथों की त्रिज्याओं का अनुपात $r _{ p }: r _{\alpha}$ होगा ।
$2.5 \times {10^7}m/s$ के वेग से गतिमान एक प्रोटॉन $2.5\, T$ के चुम्बकीय क्षेत्र में, चुम्बकीय क्षेत्र से ${30^o}$ का कोण बनाते हुए प्रवेश करता है। प्रोटॉन पर बल है
एक इलेक्ट्रॉन एकसमान वेग से धनात्मक $x$-दिशा में गति करते हुए एक समरूप चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। इस चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा धनात्मक $y$-दिशा में है। इलेक्ट्रॉन पर कार्यरत बल की दिशा होगी