यदि किसी पिण्ड का संवेग $20\, \%$ बढ़ाया जाता है, तो इसकी गतिज ऊर्जा में हुई वृद्धि $.........\%$ होगी :
$36$
$40$
$44$
$48$
दो ठोस $A$ और $B$ जिनके द्रव्यमान क्रमशः $1\, kg$ और $2 \,kg$ है समान रैखिक संवेग से गतिमान है। यदि इनकी गतिज ऊर्जाओं का अनुपात $( K \text { E. })_{ A }:( K . E .)_{ B }$ का मान $\frac{ A }{1}$ है, तो $A$ का मान $......$ होगा।
$m$ द्रव्यमान व $l$ लम्बाई के एक सरल लोलक का गोलक क्षैतिज दिशा से छोड़ा जाता है। यह गोलक समान द्रव्यमान के पिण्ड, जो क्षैतिज चिकनी सतह पर रखा है, को प्रत्यास्थ टक्कर मारता है। पिण्ड की गतिज ऊर्जा होगी
$5$ किग्रा द्रव्यमान का एक पिण्ड $10$ किग्रा मी/से के संवेग से गतिशील है। $0.2$ न्यूटन का एक बल पिण्ड पर उसकी गति की दिशा में $10$ सेकण्ड तक लगाया जाता है। पिण्ड की गतिज ऊर्जा में वृद्धि होगी
चित्रानुसार दो भिन्न सतहों $A B$ व $C D$ पर समान वृत्ताकार चक्रिकाएं (डिस्क) $A$ तथा $C$ से क्रमशः $v_1$ तथा $v_2$ प्रारम्भिक रेखीय वेगों से बिना फिसलते हुए लुढ़कना शूरू करती हैं तथा सदैव सतहों के संपर्क में रहती है। यदि $B$ तथा $D$ बिन्दुओं पर पहुँचकर दोनों चक्रिकाओं के रेखीय वेग बराबर हैं तथा $v _1=3 m / s$ है, तब $m / s$ में $v _2$ का मान है। $\left( g =10 m / s ^2\right)$
चिकनी सतह पर क्षैतिज दिशा में $40$ मी./से. की चाल से गतिशील एक ब्लाक दो भागों में टूटता है जिनके द्रव्यमानों का अनुपात $1: 2$ होता है। यदि छोटा भाग $60$ मी./से. से गति करता हो, तो गतिज ऊर्जा में भिन्नात्मक परिवर्तन होगा।