यदि $H _{2}$ अणु के दो में से एक इलेक्ट्रॉन को हटा दिया जाए तो हमें हाइड्रोजन आणविक आयन $\left( H _{2}^{+}\right)$ प्राप्त होगा। $\left( H _{2}^{+}\right)$ की निम्नतम अवस्था ( ground state) में दो प्रोटॉन के बीच दूरी लगभग $1.5\, \AA$ है और इलेक्ट्रॉन प्रत्येक प्रोटॉन से लगभग $1\, \AA$ की दूरी पर है। निकाय की स्थितिज ऊर्जा ज्ञात कीजिए। स्थितिज ऊर्जा की शून्य स्थिति के चयन का उल्लेख कीजिए।

Vedclass pdf generator app on play store
Vedclass iOS app on app store

The system of two protons and one electron is represented in the given figure.

Charge on proton $1, q_{1}=1.6 \times 10^{-19} \,C$

Charge on proton $2, q_{2}=1.6 \times 10^{-19} \,C$

Charge on electron, $q_{3}=-1.6 \times 10^{-19} \,C$

Distance between protons $1$ and $2, d _{1}=1.5 \times 10^{-10} \,m$

Distance between proton $1$ and electron, $d _{2}=1 \times 10^{-10}\, m$

Distance between proton $2$ and electron, $d _{3}=1 \times 10^{-10} \,m$

The potential energy at infinity is zero. Potential energy of the system,

$V=\frac{q_{1} q_{2}}{4 \pi \epsilon_{0} d_{1}}+\frac{q_{2} q_{3}}{4 \pi \epsilon_{0} d_{3}}+\frac{q_{1} q_{1}}{4 \pi \epsilon_{0} d_{2}}$

Substituting $\frac{1}{4 \pi \epsilon_{0}}=9 \times 10^{9} \,N\,m ^{2} \,C ^{-2},$ we obtain

$V =\frac{9 \times 10^{9} \times 10^{-19} \times 10^{-19}}{10^{-10}}\left[-(16)^{2}+\frac{(1.6)^{2}}{1.5}+-(1.6)^{2}\right]$

$=-30.7 \times 10^{-19} \,J$

$=-19.2\, eV$

Therefore, the potential energy of the system is $-19.2\; eV.$

898-s29

Similar Questions

एक इलेक्ट्रॉन निम्न विभव क्षेत्र ${V_1}$ से उच्च विभव क्षेत्र ${V_2}$ में प्रवेश करता है। इसका वेग

$100\, V$ विभवान्तर द्वारा विरामावस्था से त्वरित एक इलेक्ट्रॉन तथा $\alpha $-कण के संवेगों का अनुपात है

दो आवेश ${q_1}$ तथा ${q_2}$, $30\,\,cm$ दूरी पर चित्रानुसार स्थित हैं। एक तीसरे आवेश ${q_3}$ को $40\,cm$ त्रिज्या के वृत्त के चाप के अनुदिश $C$ से $D$ तक चलाया जाता है। निकाय की स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तन $\frac{{{q_3}}}{{4\pi {\varepsilon _0}}}k$ है, यहाँ $k$ का मान है

  • [AIPMT 2005]

इस प्रश्न में प्रकथन $1$ एवं प्रकथन $2$ दिये हुए हैं। प्रकथनों के पश्चात् दिये गये चार विकल्पों में से, उस विकल्प को चुनिए जोकि दोनों प्रकथनों का सर्वोत्तम वर्णन करता है।

त्रिज्या $R$ के एक विध्युत रोधी ठोस गोले पर एकसमान धनात्मक आवेश घनत्व $\rho$ हैं। इस एकसमान आवेश वितरण कें कारण विध्युत विभव का मान गोले के केन्द्र पर, गोले के पृष्ठ पर और गोले से बाहर एक बिन्दु पर परिमित है। अनन्त पर विध्युत विभव का मान शून्य है

प्रकथन $1 :$ जव एक आवेश $q$ को गोले के केन्द्र से पृष्ठ तक ले जाया जाता है, तब स्थितिज ऊर्जा में $\frac{q \rho}{38_{0}}$ से परिवर्तन होता है।

प्रकथन $2 :$ गोले के केन्द्र से दूरी $r( r < R)$ पर विध्युत क्षेत्र $\frac{\rho r}{3 \varepsilon_{0}}$ है।

  • [AIEEE 2012]

$(a)$ तथा $(b)$ में क्रमशः एकल धन तथा ऋण आवेशों की क्षेत्र रेखाएँ दर्शायी गई हैं

$(a)$ बिभवांतर $V_{ P }-V_{ Q }: V_{ B }-V_{ A }$ के चिह्न बताइए।

$(b)$ बिंदु $Q$ और $P$; $A$ और $B$ के बीच एक छोटे से ऋण आवेश की स्थितिज ऊर्जा के अंतर का चिह्न बताइए।

$(c)$ $Q$ से $P$ तक एक छोटे धनावेश को ले जाने में क्षेत्र द्वारा किए गए कार्य का चिह्न बताइए।

$(d)$ $B$ से $A$ तक एक छोटे से ऋ्रण आवेश को ले जाने के लिए बाह्य साधन द्वारा किए गए कार्य का चिह्न बताइए।

$(e)$ $B$ से $A$ तक जाने में क्या एक छोटे से ऋणावेश की गातिज ऊर्जा बढेगी या घटेगी?