यदि उपग्रह पृथ्वी की ओर खिसक आता है, तो उपग्रह का आवर्तकाल
बढ़ता है
घटता है
अपरिवर्तित रहता है
कुछ भी नहीं कहा जा सकता है
${T^2} \propto {r^3}$
सूर्य के चारों ओर दीर्घवत्तीय कक्षा में गमन करते द्रव्यमान $M$ के किसी ग्रह का कोणीय संवेग $\overrightarrow{ L }$ है। इस ग्रह के क्षेत्रीय वेग का परिमाण होगा।
सूर्य के परित: ग्रह $A$ का परिक्रमण काल, ग्रह $B$ की तुलना में $8$ गुना है। $A$ की सूर्य से दूरी, $B$ की सूर्य से दूरी की कितने गुना होगी
दीर्घवत्तीय कक्षा में परिभ्रमण करते किसी ग्रह के/की/का :
$(A)$ परिभ्रमण वेग नियत रहता है।
$(B)$ सूर्य के समीपस्थ वेग निम्नतम होता है।
$(C)$ क्षेत्रीय वेग इसके वेग के अनुक्रमानुपाती होता है।
$(D)$ क्षेत्रीय वेग इसके वेग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
$(E)$ प्रक्षेप-पथ इस प्रकार होता है कि क्षेत्रीय वेग नियत रहता है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
माना गुरुत्वाकर्षण नियम अचानक परिवर्तित हो कर व्युत्क्रम घन नियम अर्थात $F \propto {1\over r^3}$ बन जाता है परन्तु बल अभी भी केन्द्रीय बल रहता है तो
संलग्न चित्र सूर्य के चारों ओर एक ग्रह की दीर्घवृत्तीय कक्षा में गति प्रदर्शित करता है, सूर्य जिसके फोकस पर है। चित्र में छायांकित भाग $A$ तथा $B$ समान क्षेत्रफल के हैं। यदि ग्रह द्वारा $a$ से $b$ तक तथा $d$ से $c$ तक जाने का समय क्रमश: ${t_1}$ तथा ${t_2}$ है, तो
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