एक रेडियोएक्टिव पदार्थ का क्षय नियतांक $\beta $ है। उसकी अर्द्ध-आयु तथा माध्य आयु क्रमश: हैं
$(log_e\, 2 =ln\, 2)$
$\frac{{1}}{{\lambda}} $ और $\frac{{{{\log }_e}\,2}}{\lambda }$
$\frac{{{{\log }_e}\,2}}{\lambda }$ और $\frac{{1}}{{\lambda}} $
$\lambda \;{\log _e}\,2$ और $\frac{{1}}{{\lambda}} $
$\frac{\lambda }{{{{\log }_e}\,2}}$ और $\frac{{1}}{{\lambda}} $
किसी रेडियोऐक्टिव पदार्थ की अर्ध-आयु $10$ मिनट है । यदि आरम्भ में नाभिकों की संख्या $600$ है, तो $450$ नाभिकों के विघटित होने में लगने वाला समय (मिनट में) है
$B{i^{210}}$ की अर्द्ध-आयु $5$ दिन है। यदि हम इस समस्थानिक के $50,000$ परमाणुओं से प्रारम्भ करें तो $10$ दिन पश्चात् शेष परमाणुओं की संख्या होगी
रेडियोएक्टिव पदार्थ द्वारा उत्सर्जित $\beta$- किरणें होती हैं
$A$ तथा $B$ दो रेडियोधर्मी पदार्थों की अर्द्धआयु क्रमश: $1$ तथा $2$ वर्ष है। प्रारम्भ में $A$ का $10\,gm$ तथा $B$ का $1\,gm$ लिया जाता है। किस ........... वर्ष (लगभग) बाद दोनों पदार्थों की बची हुई मात्रा समान होगी
$A$ और $B$ पदार्थों के अर्द्ध आयुकाल क्रमश: $20$ मिनट और $40$ मिनट हैं, प्रारम्भ में $A$ और $B$ में नाभिकों की संख्या समान है। $80$ मिनट पश्चात $A$ और $B$ में बचे हुये नाभिकों की संख्या होगी