यदि एक रेडियोएक्टिव नमूने की अर्द्ध-आयु $10$ घण्टे है तो उसकी औसत आयु ....... घण्टे होगी
$14.4$
$7.2$
$20$
$6.93$
एक ही रेडियो न्यूक्ल्यिाइड के दो नाभिकों पर विचार करें इनमें से एक नाभिक एक सुपरनोवा विस्फोट में $5$ विलयन वर्ष पूर्व उत्पन्न हुआ। दूसरा एक नाभिकीय रियेक्टर में $5$ मिनट पूर्व उत्पन्न हुआ है। अगले समय में विघटन की प्रायिकता
एक गांव को विधुत ऊर्जा प्रदान करने वाले नाभिकीय संयंत्र में एक $T$ वर्ष अर्द्ध-आयु के रेडियोधर्मी पदार्थ को ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। प्रारम्भ में ईंधन की मात्रा इतनी है कि गाँव की सम्पूर्ण विधुत शक्ति की आवश्यकताऐं उस समय उपलब्ध विधुत शक्ति की $12.5 \%$ हैं। यदि यह संयंत्र गाँव की सम्पूर्ण ऊर्जा आवयश्यकताओं को अधिकतम $n T$ वर्षो के लिए पूरा कर सकता है। तब $n$ का मान है।
यूरेनियम रेडियोएक्टिव श्रेणी में, प्रारम्भिक नाभिक $_{92}{U^{238}}$ है और अंतिम नाभिक $_{82}P{b^{206}}$ है। जब यूरेनियम नाभिक का सीसे $(lead)$ में क्षय होता है तो उत्सर्जित $\alpha - $ कणों की संख्या होगी
दो कण जिनके अर्द्ध-आयुकाल क्रमश: $1620$ और $810$ वर्ष हैं, के एक साथ उत्सर्जन से रेडियोएक्टिव पदार्थ क्षय होता है। पदार्थ की $1/4$ मात्रा के बचने लिये समय (वर्षो में) होगा
एक नमूने में प्रारम्भ में युरेनियम का केवल $U-238$ समस्थानिक (isotope) है। समय के साथ कुछ $U-238$ के नाभिकीय क्षय के फलस्वरूप $Pb -206$ बनता है और $U-238$ की कुछ मात्रा अविघटित रह जाती है। नमूने की आयु $P \times 10^8$ वर्ष होने पर, उसमें $Pb -206$ और $U -238$ के भार का अनुपात 7 पाया गया। $P$ का मान ........... है।
[दिया है: $U-238$ की अर्ध आयु $4.5 \times 10^9$ वर्ष है; $\log _e 2=0.693$ ]