मुक्त आकाश में किसी बिन्दु पर सूर्य के प्रकाश की तीव्रता $0.092\, Wm ^{-2}$ है। इस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र का शिखर मान होगा। $\left(\varepsilon_{0}=8.85 \times 10^{-12} \,C ^{2} \,N ^{-1}\, m ^{-2}\right)$
$8.31\, {T}$
$5.88 \,{T}$
$1.96 \,\times 10^{-8}\, {T}$
$2.77 \,\times 10^{-8} \,{T}$
मुक्त आकाश में एक विद्युत चुम्बकीय तरंग का विद्युत क्षेत्र $\overrightarrow{\mathrm{E}}=\mathrm{E}_0 \cos (\omega \mathrm{t}-\mathrm{kz}) \hat{\mathrm{i}}$ द्वारा प्रदर्शित किया गया है। संगत चुम्बकीय क्षेत्र सदिश होगा :
विद्युत चुम्बकीय तरंग के कम्पित विद्युत एवं चुम्बकीय सदिश निर्देशित होते हैं
$\mathrm{y}$-अक्ष के अनुदिश संचरित एक विधुत चुम्बकीय तरंग में चुम्बकीय क्षेत्र का आयाम $6.0 \times 10^{-7} \mathrm{~T}$ है। विधुत चुम्बकीय तरंग में विधुत क्षेत्र का अधिकतम मान है :
यदि ${\varepsilon _o}$ व ${\mu _0}$ किसी मुक्त आकाश की क्रमश: विद्युतशीलता, चुम्बकीय पारगम्यता है तथा $\varepsilon $ व $\mu $ माध्यम में सापेक्ष राशियाँ हैं। माध्यम का अपवर्तनांक है
विध्यूतशीलता $\epsilon_{0}$ और चुम्बकशीलता $\mu_{0}$ के माध्यम में विध्यूत-चुम्बकीय विकिरण का वेग होता है: